सेना प्रमुख ने कहा, दुष्प्रचार के कारण युवक हथियार उठा रहे हैं

नयी दिल्ली :नये सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीर में आतंकवाद निरोधक रणनीति में बदलाव लाने की योजना है जहां ‘‘दुष्प्रचार’ के कारण युवक हथियार उठा रहे हैं. उन्होंने बडी संख्या में कश्मीरी युवकों के आतंकवादी बनने पर भी चिंता जताई. कश्मीर आतंकवाद से निपटने का अनुभव रखने वाले जनरल रावत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 5, 2017 5:44 PM

नयी दिल्ली :नये सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीर में आतंकवाद निरोधक रणनीति में बदलाव लाने की योजना है जहां ‘‘दुष्प्रचार’ के कारण युवक हथियार उठा रहे हैं. उन्होंने बडी संख्या में कश्मीरी युवकों के आतंकवादी बनने पर भी चिंता जताई.

कश्मीर आतंकवाद से निपटने का अनुभव रखने वाले जनरल रावत ने कहा कि जहां नक्सली बनने वाले स्थानीय लोग अभावग्रस्त होने के कारण ऐसा करते हैं वहीं कश्मीर में ऐसी स्थिति नहीं है. कश्मीर 1980 के दशक के अंतिम समय से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की चपेट में है. पीटीआई को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि ‘‘दुष्प्रचार’ और पश्चिम एशिया में विकास से स्थानीय युवक प्रभावित हुए हैं और इसलिए ‘‘ज्यादा से ज्यादा शिक्षित युवक’ भी आतंकवाद की तरफ मुड रहे हैं.
जनरल रावत ने कहा, ‘‘जब स्थानीय युवक आतंकवाद में शामिल होता है और बंदूक उठाता है तो यह चिंता की बात है क्योंकि हमारे देशवासियों के ही आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होना अच्छी स्थिति नहीं है.’ आधिकारिक आंकडे के मुताबिक हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिछले वर्ष आठ जुलाई को मारे जाने के बाद 59 स्थानीय युवक आतंकवादी समूहों में शामिल हो चुके हैं जबकि सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकडा बहुत ज्यादा है.जनरल रावत ने पूछा कि क्या कश्मीर में स्थानीय युवक अभावग्रस्त होने के कारण आतंकवाद से जुड रहे हैं और कहा कि ऐसा दूसरे इलाकों में हो रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह नक्सलवाद की तरह का मामला है? ऐसा नहीं है. यह दुष्प्रचार से जुडा हुआ है जिसे प्रसारित किया जा रहा है. मेरा मानना है कि हमें लोगों से जुडने की जरुरत है. उन्हंे शिकार के तौर पर देखने के बजाए हमें उनसे सहानुभूति रखनी चाहिए और युवकों के बीच प्रचारित हो रहे दुष्प्रचार को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए.’

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