केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज कई अहम फैसले लिये गये. मंत्रिमंडल की बैठक संसद के लाइब्रेरी हॉल में हुई. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज चार्टर्ड अकाउंटेंट की शीर्ष संस्था आईसीएआई और ओमान के कालेज ऑफ बैंकिंग एण्ड फाइनेंसियल स्टडीज (सीबीएफएस) के बीच हुये आपसी सहमति के ज्ञापन के नवीनीकरण को मंजूरी दे दी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 14, 2016 9:50 PM

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज कई अहम फैसले लिये गये. मंत्रिमंडल की बैठक संसद के लाइब्रेरी हॉल में हुई. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज चार्टर्ड अकाउंटेंट की शीर्ष संस्था आईसीएआई और ओमान के कालेज ऑफ बैंकिंग एण्ड फाइनेंसियल स्टडीज (सीबीएफएस) के बीच हुये आपसी सहमति के ज्ञापन के नवीनीकरण को मंजूरी दे दी. दि इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के पश्चिम एशिया में 6,000 से अधिक सदस्य हैं.

सहमति ज्ञापन के तहत ओमान के नागरिकों को आईसीएआई की सदस्यता के लिये सीबीएफसी को सहायता उपलब्ध कराना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2008 और 2011 में हुये सहमति ज्ञापनों को समझौता होने के बाद मंजूरी दी गई साथ ही आईसीएआई और सीबीएफएस के बीच इस समझौते नवीनीकरण को भी मंजूरी दे दी गई . एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘सहमति ज्ञापन का मकसद ओमान में लेखा कायोंर्, वित्तीय और लेखा परीक्षा ज्ञान के क्षेत्र में मिलकर काम करने और उसकी मजबूती के लिये काम करना है.’
मंत्रिमंडल ने प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक मसौदे को मंजूरी
सरकार ने आज प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2016 के मसौदे को मंजूरी दे दी. इस कदम का मकसद निर्णय प्रक्रिया में पूर्ण स्वायत्तता के साथ बंदरगाहों के कामकाज के संचालन में अधिक दक्षता तथा पेशेवर रवैया लाना है. यह विधेयक प्रमुख बंदरगाह न्यास कानून, 1963 की जगह लेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कंेद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गई. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जहाजरानी मंत्रालय के प्रमुख बंदरगाह न्यास कानून, 1963 को प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2016 से बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
बयान में कहा गया है कि इस कदम से प्रमुख बंदरगाह निर्णय प्रक्रिया में पूर्ण स्वायत्तता के जरिये प्रमुख बंदरगाहों के संस्थागत ढांचे का आधुनिकीकरण कर अधिक दक्षता से कामकाज कर सकेंगे. इसमें कहा गया है कि बंदरगाह ढांचे के विस्तार को प्रोत्साहन देने तथा व्यापार और वाणिज्य में सुगमता के मकसद से प्रस्तावित विधेयक में निर्णय प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण तथा बंदरगाहों के संचालन में पेशेवर रख का प्रस्ताव है.
कृषि सहयोग पर भारत.. किर्गीस्तान समझौते को मंत्रिमंडल की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज कृषि और खाद्य संबंधी उद्योग में सहयोग के लिए किर्गीस्तान के साथ होने वाले समझौते को मंजूरी दे दी. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित समझौता इस पर हस्ताक्षर किये जाने की तारीख से प्रभावी होगा और यह पांच वर्षो के लिए होगा.
इसमें कहा गया है, भारत और किर्गीस्तान के बीच प्रस्तावित समझौते के दायरे में कृषि एवं सहायक क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों आयेंगी. समझौते में एक संयुक्त कार्यदल बनाये जाने का भी प्रावधान है जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि होंगे.
बयान में कहा गया है कि यह कार्यदल सहयोग की योजनाओं को तैयार करेगा, इन समझौतों को लागू करने से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के लिए समाधान प्रदान करेगा और विभिन्न पक्षकारों द्वारा निर्धारित की गई जिम्मेदारियों को लागू करेगा. यह समझौता अपने आप ही पांच वर्षो के लिए आगे बढ जायेगा. लेकिन दोनों में से कोई भी पक्ष इसकी समाप्ति से छह महीने पहले समझौते को रद्द करने के अपने इरादे के बारे में राजनयिक स्तर पर लिखित नोटिस देता है तो यह समाप्त हो जायेगा.

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