नोटबंदी की घोषणा के पहले पंजाब के ड्राइवर बलविंदर के जनधन खाते में पहुंचे 9,806 करोड़ रुपये!

चंडीगढ़ : पंजाब के टैक्सी ड्राइवर बलविंदर सिंह के जनधन खाते में जब से 9,806 करोड़ रुपये आए हैं, तभी से वह इस बात को लेकर परेशान है कि आखिर उसके खाते में इतनी बड़ी रकम आयी, तो आयी कहां से. इस बात को तसदीक करने के लिए वह लगातार स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 30, 2016 8:45 AM

चंडीगढ़ : पंजाब के टैक्सी ड्राइवर बलविंदर सिंह के जनधन खाते में जब से 9,806 करोड़ रुपये आए हैं, तभी से वह इस बात को लेकर परेशान है कि आखिर उसके खाते में इतनी बड़ी रकम आयी, तो आयी कहां से. इस बात को तसदीक करने के लिए वह लगातार स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की शाखा में चक्कर लगा रहा है, लेकिन बैंक का कोई भी अधिकारी उसे माकूल जवाब देने को तैयार नहीं है. बलविंदर के जनधन खाते में 9,806 करोड़ रुपये की जिस राशि को डाला गया है, उतनी राशि ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान कुल राजस्व की वसूली की थी.

नोटबंदी के ठीक चार दिन पहले बलविंदर के खाते में डाली गयी बड़ी राशि

अंगरेजी के अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार, देश में नोटबंदी की घोषणा के ठीक चार दिन पहले यानी चार नवंबर को 9,806 करोड़ रुपये पंजाब के टैक्सी ड्राइवर बलविंदर सिंह के जनधन खाते में डाला गया था. चौंकाने वाली बात यह भी है कि चार नवंबर को उसके खाते में 9,806 करोड़ रुपये डाला गया और उसके अगले ही दिन उसे निकाल भी लिया गया. अपने जनधन खाते में इतनी बड़ी रकम आने की शिकायत लेकर कई बार बैंक अधिकारियों से मुलाकात कर चुका है, लेकिन उसकी शिकायत को कोई भी सुनने को राजी नहीं है.

बैंक अधिकारियों के पास चक्कर लगाने के बावजूद किसी नहीं लिया संज्ञान

ड्राइवर बलविंदर सिंह का कहना है कि मैं अब तक बैंक के अधिकारियों के पास कई बार चक्कर लगा चूका हूं, लेकिन कोई मेरी बात सुन नहीं रहा. अधिकारी मेरी शिकायत सुनने के बजाय बीते सात नवंबर को उन्होंने मेरे पासबुक को ही अपने पास रख लिया और बिना किसी इंट्री के नया पासबुक थमा दिया. उसका कहना है कि मैंने प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंक में अपना खाता खुलवाया था. मेरे खाते में आम तौर पर करीब 3000 हजार रुपये जमा रहता है.

मामले से पल्ला झाड़ते नजर आये बैंक के अधिकारी

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार, मामला प्रकाश में आने के बाद बैंक के शाखा मैनेजर रविंदर कुमार ने इससे संबंधित किसी प्रकार की जानकारी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में आयकर विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच की जा रही है. हालांकि, बैंक के मुख्य प्रबंधक संदीप गर्ग बड़ी ही सरल तरीके से इसका जवाब देकर खुद का पल्ला झाड़ लेते हैं. उन्होंने बताया कि बैंक के खाताधारकों के साथ अक्सर ऐसा होता रहता है. ऐसा भी संभव है कि यदि बैंक का सहायक प्रबंधक बैंक के आंतरिक खाता-बही में दो सौ रुपये की एंट्री करने के समय गलती से 11 अंकों की एंट्री कर दिया होगा. यह गलती उसे अगले दिन पता चला होगा और गलती का पता चलते ही उसने उसे वहां से हटा दिया होगा. यहां यह भी बता देना जरूरी है कि बलविंदर सिंह के खाते में डेबिट और क्रेडिट से जुड़ी सूचना उसके मोबाइल पर एसएमएस के द्वारा भेजी गयी थी.

खाताधारक की शिकायत के पहले बैंक अधिकारियों को लेना चाहिए था संज्ञान

इस मामले की पुष्टि उपायुक्त भूपिंदर सिंह भी करते हैं. वहीं, एक अन्य अधिकारी का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस मामले में बैंक के अधिकारियों की ओर से गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया गया है. उन्होंने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि इस मामले में बैंक के खाताधारक के बताने के पहले बैंक के अधिकारियों को ही खुद संज्ञान लेना चाहिए था. इस मामले को लेकर आयकर विभाग के उपायुक्त प्रीतपाल सिंह के नेतृत्व में बरनाला, संगरूर और पटियाला की टीम ने देर रात तक बैंक खाते में डाली गयी राशि से संबंधित जांच की है.

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