भाजपा सांसद तरूण विजय पर हमले में तीन गिरफ्तार

देहरादून: उत्तराखंड में देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र में सिलगुर देवता के मंदिर में दलितों को प्रवेश कराने को लेकर भाजपा सांसद तरुण विजय तथा उनके साथियों पर नाराज भीड द्वारा हमला कर उन्हें घायल करने की घटना के सिलसिले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. चकराता के तहसीलदार डीडी वर्मा ने फोन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 22, 2016 3:46 PM

देहरादून: उत्तराखंड में देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र में सिलगुर देवता के मंदिर में दलितों को प्रवेश कराने को लेकर भाजपा सांसद तरुण विजय तथा उनके साथियों पर नाराज भीड द्वारा हमला कर उन्हें घायल करने की घटना के सिलसिले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. चकराता के तहसीलदार डीडी वर्मा ने फोन पर यह जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को पोखरी गांव में हुई इस घटना के सिलसिले में पुनाह गांव के रहने वाले सरदार सिंह, बिजनू गांव के नैन सिंह और पोखरी गांव के राजेंद्र सिंह को कल देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने बताया कि तीनों आरापियों पर भीड को उकसाने और बलवा करने के लिये भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 323, 504, 506, 353 और 332 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. वर्मा ने कहा कि घटना के संबंध में जांच चल रही है और अन्य आरोपियों की पहचान होने पर और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. बीस मई को सिलगुरी देवता के मंदिर में दलितों के साथ दर्शन करने के बाद लौटते समय राज्यसभा सांसद विजय पर भीड ने हमला कर दिया था.
दलितों के मंदिर प्रवेश से नाराज भीड ने उनकी कार पर पथराव भी किया. हालांकि, वहां मौजूद पुलिस विजय और उनके साथियों को किसी तरह से निकाल कर बाहर ले गयी लेकिन इस दौरान विजय को सिर तथा शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में चोटें भी आयीं. भाजपा सांसद फिलहाल यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं जहां उनका उपचार किया जा रहा है. कल राज्यपाल डा कृष्णकांत पाल और मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अस्पताल जाकर सांसद की कुशल-क्षेम जानी थी. विजय से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर घटना के लिये जिम्मेदार लोगों की जल्द गिरफ्तारी करने के निर्देश देते हुए कहा था कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिये. रावत ने कहा कि सामाजिक समरसता और सद्भाव वाले प्रदेश में ऐसी घटनायें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेंगी और प्रदेश के अंदर किसी भी मंदिर में किसी के भी जाने पर कोई रोक नहीं है.

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