जेटली का मनमोहन पर पलटवार, कहा निष्पक्ष बनें

नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा मोदी सरकार की अलोचना पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्रीअरुण जेटली ने आज कहा कि संप्रग सरकार से राजग सरकार का सफर नीतिगत जड़ता से वैश्विक स्तर पर आकर्षक गंतव्य बनने का है. साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर कांग्रेस का रुख […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2016 3:38 PM

नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा मोदी सरकार की अलोचना पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्रीअरुण जेटली ने आज कहा कि संप्रग सरकार से राजग सरकार का सफर नीतिगत जड़ता से वैश्विक स्तर पर आकर्षक गंतव्य बनने का है. साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर कांग्रेस का रुख राजनीति से प्रेरित रहा है.

जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट ‘डाॅक्टर मनमोहन सिंह को अपनी पार्टी को क्या सलाह देनी चाहिये’ में कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में जहां नीतियां कांग्रेस मुख्यालय 24, अकबर रोड पर बनती थीं, उसके उलट राजग सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला अंतिम होता है.

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कम बोलते हैं लेकिन जब वे बोलते हैं तो राष्ट्र उन्हें गौर से सुनता है. वे देश के विवेक का प्रतिनिधित्व करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘उनसे निष्पक्षता के साथ अपनी बात रखने की उम्मीद की जाती है और वे रचनात्मक सलाह देते हैं तथा कभी-कभी अपनी राजनीतिक पार्टी को भी राष्ट्रहित में काम करने के लिय ठोस संदेश देते हैं.’ जेटली ने कहा कि वे सिंह का हमेशा सम्मान करते हैं और उनसे उसी सम्मान की उम्मीद करते हैं.

सिंह के एक पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार का हवाला देते हुए जेटली ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि यदि डाक्टर सिंह मौजूदा सरकार का निष्पक्षता से आकलन करेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि भारत में ऐसी सरकार है जिसमें आखिरी फैसला प्रधानमंत्री का होता है, जिसमें प्राकृतिक संसाधन बिना किसी भ्रष्टाचार के पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए आवंटित होते हैं.’ गौरतलब है कि सिंह ने पत्रिका को दिये साक्षात्कार में मोदी पर विपक्ष से बात न करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है.

वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘उद्योगपति अब फाइलें आगे बढ़ाने या फैसलों के लिए नॉर्थ ब्लॉक के चक्कर नहीं काटते, पर्यावरण मंजूरी का काम नियमित सुलझाया जाता है और इन्हें सिर्फ परपीड़ा या भ्रष्टाचार के लिए अटकाया नहीं जाता.’ एक सवाल उठाया कि क्या कार्य संस्कृति में कोई बदलाव हुआ है, वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक संप्रग सरकार के दौरान शायद ही अपने निदेशक मंडल या नार्थ ब्लाॅक के जरिए शासित होते थे.

उन्होंने कहा, ‘‘इनका परिचालन 24, अकबर रोड से होता था. संप्रग सरकार के दौरान बिजली एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र, दूसरी क्षेत्रवार चुनौतियों का समाधान नहीं हुआ. ये मौजूदा सरकार है जो एकजुट हुई इन सभी चुनौतियों का समाधान कर रही है.’

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