केदारनाथ त्रासदी के दो साल बाद भी मिल रहे हैं मानव अंग के अवशेष

देहरादून : उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आयी जलप्रलय में बडे पैमाने पर हुई जानमाल की तबाही का तांडव देखने वाले केदारनाथ क्षेत्र में दो साल गुजरने के बाद एक टूटी हुई इमारत के खंडहर के मलबे में एक मानव पैर के अवशेष मिले हैं. रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि मानव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 8, 2015 4:35 PM

देहरादून : उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आयी जलप्रलय में बडे पैमाने पर हुई जानमाल की तबाही का तांडव देखने वाले केदारनाथ क्षेत्र में दो साल गुजरने के बाद एक टूटी हुई इमारत के खंडहर के मलबे में एक मानव पैर के अवशेष मिले हैं. रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि मानव पैर के अवशेष गत शनिवार को केदारनाथ मंदिर से करीब 50 मीटर दूर एक संकरी गली में देखे गये जब कुछ स्थानीय लोग इमारत से मलबे की सफाई कर रहे थे.

उन्होंने बताया कि मानव अंग के अवशेष का उसी दिन पंचनामा और डीएनए सैंपलिंग जैसी जरुरी औपचारिकतायें पूरी करने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. पुलिस अधिकारी ने हालांकि कहा कि त्रासदी के बाद क्षेत्र में कई बार खोज अभियान चलाये जाने के बावजूद अब भी वहां कंकाल मिलने में कोई अचरज की बात नहीं है.

सिंह ने कहा कि केदारघाटी में जिन 600 से ज्यादा लोगों के अवशेष मिले और उनका अंतिम संस्कार किया गया, वे सतह पर पाये गये थे. मंदिर के आसपास अब भी 50-60 फीट ऊंचा मलबे का ढेर है और कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उसके नीचे कुछ और भी मिल जाये.

उन्होंने कहा कि पहले मलबे के अंदर इमारतों की पूरी एक मंजिल दबी हुई है और अब स्थानीय लोगों को अपनी इमारतों से मलबा साफ करने की इजाजत दे दी गयी है तो ऐसे में कुछ और मिलने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.

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