मोदी सरकार ने उपराज्यपाल के पक्ष में अधिसूचना जारी कर जनता की पीठ पर छूरा घोंपा हैः केजरीवाल

नयी दिल्ली: मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उस पर ‘भ्रष्ट को संरक्षण देने’ के लिए ‘‘पिछले दरवाजे’’ से दिल्ली को चलाने का आरोप लगाया और कहा कि इसने उप राज्यपाल का पक्ष लेते हुए अधिसूचना जारी कर शहर की जनता की पीठ में छुरा घोंपा है. दिल्ली के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 22, 2015 5:19 PM

नयी दिल्ली: मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उस पर ‘भ्रष्ट को संरक्षण देने’ के लिए ‘‘पिछले दरवाजे’’ से दिल्ली को चलाने का आरोप लगाया और कहा कि इसने उप राज्यपाल का पक्ष लेते हुए अधिसूचना जारी कर शहर की जनता की पीठ में छुरा घोंपा है.

दिल्ली के उप राज्यपाल की भूमिका और शक्तियों को स्पष्ट करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के कुछ ही घंटे के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि यह उनकी सरकार के भ्रष्टाचार रोधी प्रयासों को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार की घबराहट को जाहिर करता है. अधिसूचना में कहा गया है कि नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मुद्दों पर उप राज्यपाल के लिए मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करना अनिवार्य नहीं है.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जंग तो महज एक चेहरा हैं और उन्हें आदेश पीएमओ से मिल रहे हैं. ‘‘आजादी के पहले इंगलैंड की महारानी यहां वायसराय को अधिसूचना भेजा करती थीं. अब जंग साहब वायसराय हैं और पीएमओ लंदन है.’’उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार अधिसूचना पर संविधान विशेषज्ञों से राय ले रही है और उसी के अनुरुप निर्णय लिया जायेगा. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम जाहिर करता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भ्रष्टाचार और फलते फूलते ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग के समक्ष ‘‘घुटना टेक रहे’’ हैं, जिसे आप सरकार ने पिछले तीन महीने में बंद कर दिया था.

सिसोदिया ने कहा, पहले तबादलों के लिए भारी लेनदेन होती थी लेकिन अब आप सरकार के तीन महीने के कार्यकाल में यह समाप्त हो गया है. जब हमने यह कर दिया तो कांग्रेस और भाजपा के लोग दिल्ली में ठेका पाने में विफल हो गये. तब वे पीएमओ गये.

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब वे यह अधिसूचना लाये हैं, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा दिल्ली में अपने अधिकारियों को चाहती हैं और अपने लोगों के लिए सरकारी ठेके चाहती है और यही कारण है कि वह उपराज्यपाल के जरिये तबादला-पोस्टिंग उद्योग पर नियंत्रण चाहती है. यह अधिसूचना लाकर केंद्र ने दिल्ली की जनता के पीठ में छुरा भोंका है.

आज जारी गजट अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उप राज्यपाल के पास सेवा, लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि से जुडा अधिकार क्षेत्र होगा और जब उन्हें जरुरी लगेगा तो वह अपने ‘‘विवेकानुसार’’ सेवा से जुडे मुद्दों पर मुख्यमंत्री से मशविरा कर सकते हैं.

केजरीवाल ने इस बात का भी उल्लेख किया कि इस अधिसूचना के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक शाखा पुलिस स्टेशन अधिकारियों , कर्मचारियों और केंद्र सरकार सेवाओं के पदाधिकारियों के खिलाफ अपराध का संज्ञान नहीं लेगी. उन्होंने हैरानी जताई कि वे कौन लोग हैं जिन्हें मोदी सरकार बचाने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई भ्रष्टाचार को बढावा देने जैसा है. केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार दिल्ली के इतिहास की सबसे ईमानदार सरकार है. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने कभी भी दिल्ली की जनता के लिए बिजली पानी की आपूर्ति के बारे में नहीं पूछा. उनकी सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग में रुचि है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार तीन भाजपा विधायकों के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली को चलाने का प्रयास कर रही है.’’

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