वसीयत विवाद : लीलावती अस्पताल ने सौंपी बाल ठाकरे की मेडिकल रिपोर्ट

मुंबई : शहर के लीलावती अस्पताल ने आज बंबई उच्च न्यायालय को शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे की नवंबर-दिसंबर 2011 की अवधि वाली विभिन्न मेडिकल रिपोर्ट सौंप दीं. इसी अवधि में ठाकरे ने अपनी वसीयत लिखी थी. न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने पिछली सुनवाई पर अस्पताल से रिपोर्ट सौंपने को कहा था. ठाकरे के पुत्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2015 9:28 PM

मुंबई : शहर के लीलावती अस्पताल ने आज बंबई उच्च न्यायालय को शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे की नवंबर-दिसंबर 2011 की अवधि वाली विभिन्न मेडिकल रिपोर्ट सौंप दीं. इसी अवधि में ठाकरे ने अपनी वसीयत लिखी थी. न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने पिछली सुनवाई पर अस्पताल से रिपोर्ट सौंपने को कहा था.

ठाकरे के पुत्र एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने वसीयत को प्रमाणित करवाने के लिए उच्च न्यायालय में प्रोबेट याचिका दाखिल की थी. बहरहाल, दिवंगत नेता के एक अन्य पुत्र जयदेव ने वसीयत को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उस पर हस्ताक्षर करते समय उनके पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. इस वसीयत में अलग हुए पुत्र जयदेव को कुछ नहीं दिया गया है जबकि एक बडा भाग उद्धव को दिया गया है.

अस्पताल ने आज चिकित्सा रिपोर्ट दो खंडों में सौंपी जो करीब 60 पृष्ठों में है. जयदेव की वकील सीमा सरनाइक ने रिकार्ड की पडताल करने की मांग की, जिसे अदालत ने अनुमति दे दी. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों से चिकित्सा रिपोर्टों पर गौर करने और आवश्यकता पडने पर 10 फरवरी तक हलफनामे दाखिल कर देने को कहा. 20 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर अदालत ठाकरे के पारिवारिक चिकित्सक डा. जलील पार्कर का बयान दर्ज करेगी.

अदालत ने कई बार जयदेव एवं उद्धव से मामले का आपसी सहमति से हल निकाले को कहा और मध्यस्थ नियुक्त करने की भी पेशकश की. जयदेव भले ही इसके लिए इच्छुक दिखे लेकिन उद्धव ने दो बार यह कहते हुए पेशकश को खारिज कर दिया कि जयदेव द्वारा लगाये गये आरोपों से वह एवं उनका परिवार आहत हुआ है और इससे बहुत कडवाहट उत्पन्न हुई है. बाल ठाकरे का 17 नवंबर 2012 को निधन हुआ था और उन्होंने 13 दिसंबर 2011 को अपनी वसीयत पर हस्ताक्षर किए थे.

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