लोकपाल और लोकायुक्त कानून में संशोधन संबंधी विधेयक स्थायी समिति को भेजा गया

नयी दिल्ली: लोकपाल और लोकायुक्त कानून में संशोधन करने संबंधी एक विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए लोकसभा ने आज संसद की स्थायी समिति को भेज दिया. इस विधेयक में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख और सदस्यों का चयन करने वाली समिति में लोकसभा में सबसे बडे विपक्षी दल के नेता को शामिल करने का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 22, 2014 7:37 PM

नयी दिल्ली: लोकपाल और लोकायुक्त कानून में संशोधन करने संबंधी एक विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए लोकसभा ने आज संसद की स्थायी समिति को भेज दिया. इस विधेयक में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख और सदस्यों का चयन करने वाली समिति में लोकसभा में सबसे बडे विपक्षी दल के नेता को शामिल करने का प्रस्ताव है.

लोकसभा में धर्मान्तरण के मुद्दे पर चल रहे विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में लोकपाल और लोकायुक्त तथा अन्य संबद्ध विधि संशोधन विधेयक 2014 पर चर्चा शुरु हुई. बीजू जतना दल के रवीन्द्र कुमार जेना ने विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की.
संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, सरकार को इस विधेयक को स्थायी समिति में भेजने में कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरै ने कहा कि वह विधेयक को स्थायी समिति को भेज रहे हैं.कार्मिक और लोक शिकायत राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकपाल और लोकायुक्त तथा अन्य संबद्ध विधि संशोधन विधेयक 2014 को सदन में पेश किया था.
मौजूदा कानून में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख और सदस्यों का चयन करने वाली चयन समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल हैं लेकिन वर्तमान लोकसभा में कोई मान्यता प्राप्त विपक्ष का नेता नहीं है. ऐसी स्थिति में सदन के सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को इसमें शामिल करने का प्रावधान किया गया है. लोकसभा में 44 सदस्यों के साथ कांग्रेस सबसे बडी विपक्षी पार्टी है.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में लोकसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा मनोनीत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश और एक प्रमुख विधिवेत्ता शामिल हैं.
संशोधन विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि चयन समिति में किसी सदस्य के अनुपस्थित रहने या पद रिक्त होने के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया अमान्य नहीं होगी. विधेयक को पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश किया गया था.

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