क्या कांग्रेस के नेता सिडनी जितनी भीड भारत में जुटा सकते हैं : जेटली

नयी दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की उस टिप्पणी पर कडा प्रहार किया है, जिसमें उन्होंने रविवार को कहा था कि मोदी विदेशों में देश से लोगों को ले जाकर अपने समर्थन में नारे लगवाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 17, 2014 6:26 PM
नयी दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की उस टिप्पणी पर कडा प्रहार किया है, जिसमें उन्होंने रविवार को कहा था कि मोदी विदेशों में देश से लोगों को ले जाकर अपने समर्थन में नारे लगवाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं सलमान खुर्शीद और उनकी पार्टी के लोगों से जानना चाहूंगा कि नरेंद्र मोदी ने जितनी भीड सिडनी में जुटायी क्या उतनी भीड उनके नेता भारत में जुटा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि खुर्शीद ने कहा है कि जब वे म्यांमार गये थे, तो उनसे कोई मिलने नहीं आया व सडक पर लोग नहीं दिखे. जेटली के अनुसार, अगर यूपीए के शासन में कांग्रेसियों की पूछ नहीं होती थी, तो इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरों की भी पूछ नहीं होगी.
जेटली ने पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा उनकी छवि खराब करने के लिए भ्रामक प्रचार करने के आरोपों का भी जवाब दिया. जेटली ने कहा कि पंडित नेहरू की जयंती पर आयोजित समारोह में कांग्रेस के नेता, कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियां और वामपंथी व लोहियावादी जुटे. जबकि डॉ राम मनोहर लोहिया नेहरूवादी राजनीति के घोर विरोधी थे और जीवनर्पयत पंडित नेहरू की राजनीति का विरोध करते रहे. उन्होंने कहा कि वामपंथी भी पंडित नेहरू की राजनीतिक शैली के विरोधी रहे हैं. पंडित नेहरू ने धारा 356 का प्रयोग कर देश की केरल में इएमएस नंबूदरीपाद के नेतृत्व में बनी पहली वामपंथी सरकार को बरखास्त कर दिया था, जिसके बाद वामपंथियों का उनके प्रति विरोध और तीखा हो गया था.
जेटली ने अपने बयान में कहा कि जो लोग जीवन भर नेहरू की राजनीतिक शैली का विरोध करते रहे, आज वही उनकी जयंती पर कांग्रेस के साथ एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं. जेटली ने कहा कि इस समारोह में वैसे लोग जुटे जिन्होंने नेहरू के जीवनकाल में उनकी राजनीति को खारिज किया और कुछ वैसे लोग शामिल हुए जिन्हें सैद्धांतिक आधार पर पंडित नेहरू ने खारिज किया.

Next Article

Exit mobile version