रैगिंग है शर्मनाक कृत्य:काटजू

नयी दिल्ली: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कंडेय काटजू ने रैगिंग को शर्मनाक कृत्य करार दिया. उन्‍होंने कहा कि इससे छात्रों का मनोबल गिर सकता है और यहां तक कि इससे वे आत्महत्या के कगार तक भी पहुंच सकते हैं. ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के एक छात्र के साथ कथित रैगिंग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2014 8:16 AM

नयी दिल्ली: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कंडेय काटजू ने रैगिंग को शर्मनाक कृत्य करार दिया. उन्‍होंने कहा कि इससे छात्रों का मनोबल गिर सकता है और यहां तक कि इससे वे आत्महत्या के कगार तक भी पहुंच सकते हैं.

ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के एक छात्र के साथ कथित रैगिंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, हमें ब्रिटिश काल के सभी कृत्यों की नकल करने की आवश्यकता नहीं है, खासकर तब, जब यह रैगिंग जैसा बुरा कृत्य हो. मेरे विचार से रैगिंग एक शर्मनाक कृत्य है और इसे रोका जाना चाहिए.

अपने ब्लॉग पर उन्होंने लिखा, यह समझना चाहिए कि कोई नया छात्र संस्थान में आम तौर पर डरा होता है और वह आशंकित रहता है क्योंकि वह नए माहौल में आया होता है. उसे भावनात्मक सहयोग और अपने वरिष्ठों से मदद की जरुरत होती है.

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