मनमोहन को भाजपा पर परोक्ष हमला – ”राष्ट्रवाद” और ”भारत माता की जय” के नारे का हो रहा गलत इस्तेमाल

नयी दिल्ली :Manmohan Singhsaid Nationalism slogan Bharat Mata Ki Jai misusedभाजपा पर परोक्ष रूप प्रहार करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत के ‘उग्रवादी एवं विशुद्ध भावनात्मक’ विचार के निर्माण के लिए राष्ट्रवाद और ‘भारत माता की जय’ नारे का दुरुपयोग किया जा रहा है. सिंह ने जवाहरलाल नेहरू के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2020 9:04 PM

नयी दिल्ली :Manmohan Singhsaid Nationalism slogan Bharat Mata Ki Jai misusedभाजपा पर परोक्ष रूप प्रहार करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत के ‘उग्रवादी एवं विशुद्ध भावनात्मक’ विचार के निर्माण के लिए राष्ट्रवाद और ‘भारत माता की जय’ नारे का दुरुपयोग किया जा रहा है.

सिंह ने जवाहरलाल नेहरू के कृतित्व एवं भाषण पर आधारित एक पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत की राष्ट्रों के समूह में उज्ज्वल लोकतंत्र के रूप में पहचान है, यदि उसे महत्वपूर्ण वैश्विक शक्तियों में एक समझा जाता है तो ये तो प्रथम प्रधानमंत्री ही थे जिन्हें इसके मुख्य शिल्पी होने का श्रेय दिया जाना चाहिए.

सिंह ने कहा कि नेहरू ने अशांत और विषम स्थितियों में भारत का नेतृत्व किया जब देश ने जीवन के लोकतांत्रिक तरीके को अपनाया था जिसमें विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों का समायोजन किया था.

उन्होंने कहा कि भारत की धरोहर पर गर्व महसूस करने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने उसे आत्मसात किया एवं नये आधुनिक भारत की जरूरतों के साथ उसका तारतम्य बैठाया.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक अनोखी शैली वाले और बहुभाषी नेहरू ने आधुनिक भारत के विश्वविद्यालयों, अकादमियों,सांस्कृतिक संस्थानों की नींव डाली, लेकिन नेहरू के नेतृत्व के लिहाज से आधुनिक भारत वैसा नहीं बना पाया जैसा कि आज है.

उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से , एक ऐसा वर्ग है जिसमें या तो इतिहास पढ़ने का धैर्य नहीं है या जो जानबूझकर अपने पूर्वाग्रहों से संचालित व दिशानिर्देशित होना चाहता है, वह नेहरू की गलत छवि पेश करने की यथासंभव कोशिश करता है.

लेकिन मुझे यकीन है कि इतिहास में फर्जी और झूठे आक्षेपों को खारिज करने तथा सभी चीजों को उपयुक्त परिप्रेक्ष्य में रखने की क्षमता है. पुरुषोत्तम अग्रवाल और राधा कृष्ण द्वारा लिखित ‘हू इज भारत माता’ नामक इस पुस्तक में नेहरू की क्लासिक पुस्तकें: ऑटोबायोग्राफी, ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री और डिस्कवरी ऑफ इंडिया, आजादी से पहले और बाद के उनके भाषण , लेख, पत्र तथा कुछ सनसनीखेज कुछ साक्षात्कार हैं.

सिंह ने कहा, ऐसे समय में इस पुस्तक की खास प्रासंगिकता है जब राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का भारत के उग्रवादी एवं विशुद्ध भावनात्मक विचार के निर्माण के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है, एक ऐसा विचार जिसमें लाखों बाशिंदे और नागरिक शामिल नहीं हैं.

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