नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की CBI जांच की मांग पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने की मंगलवार को सहमति दी. इस मामले का प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 17, 2019 12:34 PM

नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने की मंगलवार को सहमति दी. इस मामले का प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया.

पीठ ने कहा कि हम हिंसा के मामले पर गौर करेंगे. पीठ ने मामले में याचिकाकर्ता, अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से कहा कि वह देश में जो कुछ हो रहा है, उस सबको अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं समझ सकता है क्योंकि स्थिति और तथ्य अलग हो सकते हैं. साथ ही कहा कि हम यह नहीं कह रहे कि आप जो मुद्दा उठा रहे हैं वह जरूरी नहीं है.

पीठ ने कहा कि आप कल अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. उपाध्याय ने पीठ को बताया कि पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन के दौरान ट्रेनों को आग लगाई गई और हिंसक प्रदर्शनों के पीछ के असल षड्यंत्रकर्ता का पता लगाने के लिए सीबीआई या एसआईटी जांच जरूरी है.

शीर्ष अदालत आज उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिनमें संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान यहां के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों के खिलाफ कथित पुलिस बर्बरता का मुद्दा उठाया गया है.

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