निर्भया केस के दोषियों की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश, पीड़िता की मां बोलीं- जल्द हो फांसी

नयी दिल्ली: साल 2012 में राजधानी दिल्ली में निर्भया कांड के नाम से पहचाने जाने वाले गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश का पीड़िता की मां आशा देवी ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 2, 2019 10:30 AM

नयी दिल्ली: साल 2012 में राजधानी दिल्ली में निर्भया कांड के नाम से पहचाने जाने वाले गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश का पीड़िता की मां आशा देवी ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा.

हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर की गैंगरेप के बाद हत्या किए जाने की घटना पर टिप्पणी करते हुए आशा देवी ने कहा कि, ये काफी बर्बर अपराध था. उन्होंने कहा कि हम सात साल से लड़ रहे हैं और अब जल्द न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस बात पर विचार करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं होती ही क्यों हैं.

कुल 06 लोग दोषी थे निर्भया केस में

बता दें कि 2012 के निर्भया केस में कुल 06 आरोपी थे जिसमें से 01 नाबालिग था. उस पर जुवेनाइल एक्ट के तहत मुकदमा चला और वो अपनी सजा पूरी करके बाहर आ गया. बाकी पांच आरोपियों को फांसी की सजा दी गयी थी जिसमें से एक राज सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. बाकी चार ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका दायर की थी जिसे ठुकरा दिया गया. इन्ही में से एक आरोपी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी.

दिल्ली सरकार ने खारिज की याचिका

उसकी याचिका राष्ट्रपति भवन से दिल्ली के उपराज्यपाल के पास से होती हुई दिल्ली सरकार तक पहुंची. दिल्ली सरकार ने याचिका पर सख्त टिप्पणी लिखते हुए याचिका को खारिज करने का सुझाव दिया है जिस पर अंतिम फैसला अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेना है. दिल्ली सरकार के गृह विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने याचिका को खारिज किए जाने का सुझाव दिया है.

सत्येंद्र जैन ने फाइल पर सख्त टिप्पणी लिखते हुए कहा कि ये बेहद जघन्य श्रेणी का अपराध है, इसलिए हम इसे खारिज करने की सिफारिश करते हैं.

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