”सीमा विवाद की वजह से द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति प्रभावित नहीं होनी चाहिए”

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति शी चिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन के राजदूत ने मेलमिलाप का संदेश देते हुए सीमा विवाद का अंतिम समाधान होने तक सीमा पर दोनों ओर से अमन-चैन बनाए रखने पर जोर दिया. साथ ही, रेखांकित किया कि पड़ोसियों के बीच विवाद सामान्य बात है. भारत में चीन के राजदूत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 8, 2019 10:47 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति शी चिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन के राजदूत ने मेलमिलाप का संदेश देते हुए सीमा विवाद का अंतिम समाधान होने तक सीमा पर दोनों ओर से अमन-चैन बनाए रखने पर जोर दिया. साथ ही, रेखांकित किया कि पड़ोसियों के बीच विवाद सामान्य बात है. भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने एक साक्षात्कार में कहा कि दोनों उभरती एशियाई ताकतों को सीमा विवाद के चलते द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीमा विवाद का अंतिम समाधान होने तक हमें संयुक्त रूप से सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन बनाये रखने की जरूरत है.

चीनी राजदूत ने कहा कि हम रेखांकित करना चाहते हैं कि पड़ोसियों में मतभेद सामान्य है और इससे पार पाने का तरीका यह है कि विवादों का सही ढंग से सामना किया जाये और उसका हल बातचीत और विमर्श से किया जाये. सुन वीदोंग ने भारत-चीन सीमा विवाद को इतिहास की ओर से छोड़ा गया जटिल और संवेदनशील मामला बताया. उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से भारत-चीन सीमा पर एक गोली नहीं चली है, अमन-चैन बना हुआ है और सीमा विवाद भारत-चीन संबंधों का सिर्फ एक हिस्सा है.

राजदूत ने कहा कि हमें भारत-चीन के संबंधों के बड़े परिदृश्य को देखने की जरूरत है और सीमा विवाद के चलते सामान्य द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हमारे नेताओं के बीच सीमा विवाद को सही तरीके से देखने और द्विपक्षीय संबंधों के विकास को प्रोत्साहित करने पर अहम सहमति बनी है और उनके राजनीतिक मार्गदर्शन में दोनों पक्षों के संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रतिनिधियों की बैठक की प्रक्रिया शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि इस कोशिश का मकसद पारदर्शी, तार्किक और आपसी सहमति से सीमा विवाद का हल करना है.

चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग का दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए शुक्रवार दोपहर चेन्नई आने का कार्यक्रम है. दोनों नेता तटीय शहर मामल्लापुरम में बातचीत करेंगे और उम्मीद की जा रही है कि चिनपिंग के भारत दौरे की औपचारिक घोषणा बुधवार को की जायेगी. दोनों नेताओं के बीच पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन पिछले साल अप्रैल में चीन के वुहान शहर में हुआ था.

भारत और चीन के बीच करीब 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा पर विवाद है, जिसे ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा'(एलएसी) कहते हैं. चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिण हिस्सा बताते हुए अपना दावा करता है, जबकि भारत इस दावे को सिरे से खारिज करता है. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि सीमा विवाद का अंतिम हल होने तक दोनों पक्ष की ओर से सीमा पर अमन-चैन बनाए रखी जाए.

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