सदन की कार्यवाही बाधित करने वालों को रोकेगी आचार संहिता

नयी दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्य विधान मंडलों के कामकाज को सुव्यवस्थित, कागजमुक्त बनाने, आचार संहिता बनाने एवं कार्यवाही में व्यवधान को समाप्त करने जैसे विषयों पर राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की दो समितियां गठित करने की घोषणा की. ये समितियां इस साल नवंबर में उत्तराखंड में होने वाले पीठासीन अधिकारियों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 28, 2019 6:22 PM

नयी दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्य विधान मंडलों के कामकाज को सुव्यवस्थित, कागजमुक्त बनाने, आचार संहिता बनाने एवं कार्यवाही में व्यवधान को समाप्त करने जैसे विषयों पर राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की दो समितियां गठित करने की घोषणा की.

ये समितियां इस साल नवंबर में उत्तराखंड में होने वाले पीठासीन अधिकारियों की बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. भारत में विधान निकायों के पीठासीन अधिकारियों की बैठक के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में कई सुझाव आये, जिसमें सभी विधानमंडलों में डिजिटल सुविधा एक जैसी हो.

व्यवस्था को कागजमुक्त बनाया जाए. उन्होंने कहा कि हर विधानसभा की प्रक्रिया अलग अलग है, ऐसे में डिजिटल प्लेटफाॅर्म ई नेवा युक्त पद्धति से डिजिटल युग में व्यवस्था को समावेशी बनाया जायेगा.

इस विषय पर विचार करने के लिए विधानसभा अध्यक्षों की एक समिति बनायी जायेगी जो इस पर रिपोर्ट तैयार करेगी. बिरला ने कहा कि बैठक में सभी का मत था कि राज्यों में सत्र अधिमतम चले, कम खर्च हो, कुशलता ज्यादा हो और व्यवधान नहीं हो.

इस विषय पर भी एक कार्य निष्पादन रिपोर्ट तैयार करने पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि संसद एवं राज्य विधान मंडलों में अच्छे शोध के माध्यम से कार्य कुशलता को बढ़ा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कामकाज एवं कार्य कुशलता के बारे में निर्णयों को आगे बढ़ाने के विषय पर भी एक समिति बनायी जायेगी. ये समितियां नवंबर में उत्तराखंड में होने वाले पीठासीन अधिकारियों की बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी.

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ई-नेवा के माध्यम से पेपरलेस पहल के लिए लोकसभा तकनीकी एवं वित्तीय सहायता दोनों प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि बैठक में जो विचार एवं सुझाव आए, उनमें से कुछ बातों पर तो राज्यों की विधानसभाओं में नियमों के माध्यम से अमल किया जा सकता है.

कुछ विषयों पर केंद्र सरकार से और कुछ बातों पर राज्य सरकारों से विचार विमर्श करना होगा. उन्होंने कहा कि सभी विधानसभाओं में बिना बाधा के कामकाज हो, कार्यवाही सुचारू रूप से चले, जनता के एक-एक पैसे का सदुपयोग हो, ऐसा पूरे देश में माहौल है.

उन्होंने जोर दिया कि नारेबाजी करना और आसन के समक्ष आकर हंगामा करना अभिव्यक्ति नहीं है बल्कि निर्बाध रूप से चर्चा हो और अच्छे ढंग से बात रखना जरूरी है. इस बैठक में विधानसभाओं एवं विधानमंडलों के 30 पीठासीन पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.

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