कर्नाटक ”संकट”: सुप्रीम कोर्ट में फिर टली सुनवाई, स्पीकर से बागी विधायकों ने 4 हफ्ते का मांगा समय

कर्नाटक में चल रहे सियासी घमासान का अंत होता नहीं दिख रहा है. करीब एक पखवाड़े से एचडी कुमारस्वामी सरकार पर बहुमत साबित करने का संकट है. बीते शुक्रवार से विश्वासमत पर चर्चा जारी लेकिन फ्लोर टेस्ट लगातार टलता जा रहा है. अब स्पीकर के दावे के अनुसार मंगलवार शाम 6 बजे विधानसभा में विश्वास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 23, 2019 8:43 AM

कर्नाटक में चल रहे सियासी घमासान का अंत होता नहीं दिख रहा है. करीब एक पखवाड़े से एचडी कुमारस्वामी सरकार पर बहुमत साबित करने का संकट है. बीते शुक्रवार से विश्वासमत पर चर्चा जारी लेकिन फ्लोर टेस्ट लगातार टलता जा रहा है. अब स्पीकर के दावे के अनुसार मंगलवार शाम 6 बजे विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. इधर, सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई टल गयी है. पढ़ें लाइव अपडेट…..

विधानसभा में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि बागी विधायकों ने मेरी पीठ में चाकू घोंपा है, लेकिन चिंता मत करो वो बीजेपी वालों के साथ भी ऐसा करेंगे. मैं आपसे कह रहा हूं कि वो लोग मंत्री नहीं बन पाएंगे. उन्होंने कहा कि जब मैं बागी विधायकों से मिलने मुंबई गया तो उन्होंने मुझे कहा कि हम यहां से जाना चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर कर्नाटक मसले पर सुनवाई टल गई है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अभी स्पीकर चर्चा करवा रहे हैं, शाम तक वोटिंग हो सकती है. लिहाजा सुनवाई बुधवार को ही होगी. कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब याचिका दायर की गयी है तो स्पीकर मतदान कैसे करा दें? सरकार को गिरना है आज या कल.. इस पर अदालत ने कहा कि ये हम नहीं तय करेंगे कि सरकार कब गिर रही है लेकिन स्पीकर आशावादी हैं और बहस की बात कर रहे हैं.

बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक विधानसभा पहुंच गए हैं. अब से कुछ देर बाद सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी इस मसले को लेकर सुनवाई होनी है. विधानसभा में आज बीजेपी की तरफ से बीएस येदियुरप्पा और मधुस्वामी बोलेंगे.

स्पीकर रमेश कुमार ने आज सुबह 11 बजे तक बागी विधायकों को मिलने के लिए बुलाया था. . लेकिन इन्हीं में से एक बागी विधायक ने स्पीकर को चिट्ठी लिख 4 हफ्ते का वक्त मांगा है. विधायक का कहना है कि उन्हें अभी वकीलों से बात करनी होगी.

बेंगलुरूः कर्नाटक में उपजे सियासी विवाद का हल अभी तक नहीं निकला है. विश्वास मत पर चर्चा के बीच शक्ति परीक्षण को लेकर चल रहा सियासी ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है. विश्वास मत प्रस्ताव पर तीन दिन की बहस के बाद भी मतदान नहीं हो सका. कर्नाटक विधानसभा में कार्यवाही सोमवार देर रात तक चली. आखिरकार स्पीकर केआर रमेश कुमार ने मंगलवार सुबह तक के लिए सदन को स्थगित करते हुए बहुमत परीक्षण की नई डेडलाइन दे दी.

स्पीकर ने कहा है कि मंगलवार शाम छह बजे तक बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. दरअसल, राजनीतिक रस्साकसी के बीच सीएम एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि सोमवार को बहस जितनी भी देर चले मतदान कराया जाएगा. कांग्रेस चाहती थी कि विधानसभा स्थगित कर दी जाए, जबकि बीजेपी विश्वास मत पर अड़ी रही. अब संभावना है कि आज यानी मंगलवार को फ्लोर टेस्ट होगा.

बीजेपी और जेडीएस-कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच पूर्व सीएम और कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया ने सदन में कहा कि मंगलवार को हमारे कुछ सदस्यों के संबोधन के बाद हम बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे. शाम चार बजे तक चर्चा पूरी हो जाएगी और शाम छह बजे तक विश्वास प्रस्ताव पर बहुमत परीक्षण संपन्न हो जाएगा. इसके बाद देर रात 11 बजकर 45 मिनट पर कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

20 विधायक रहे गैरहाजिर

सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान कुल 20 विधायक गैरहाजिर रहे. इनमें सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों के अलावा दो निर्दलीय और एक बीएसपी विधायक एन महेश शामिल हैं.

सीएम के इस्तीफे का फर्जी पत्र वायरल

सदन में सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि उनके इस्तीफे का एक फर्जी खत वायरल हो रहा है. कुमारस्वामी ने स्पीकर से कहा कि हम सोमवार को विश्वास मत प्रक्रिया खत्म करने पर तैयार थे लेकिन दो निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस पर स्पीकर ने कहा कि अगर उन्हें आप पर भरोसा था तो वे सुप्रीम कोर्ट क्यों गए?’

बागी विधायकों को फिर से नोटिस

सदन में भारी हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बाद रात 10 बजे कर्नाटक विधानसभा से बाहर आकर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने बताया कि स्पीकर ने बागी विधायकों को नोटिस जारी कर मंगलवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जायेगा और उन्हें मंत्री बनाया जायेगा.

भारत के संविधान के अनुसार, अयोग्य घोषित किये जाने के बाद आपको सदस्य नहीं बनाया जा सकता. उधर, कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष का फैसला आने तक विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन न कराया जाये. इसके अलावा स्पीकर ने 14 बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है कि विधानसभा से उनकी सदस्यता क्यों न रद्द कर दी जाये

भाजपा ने लगाया आरोप

भाजपा ने कहा कि कुमारास्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं, लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं. पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, अगर आपको संविधान और राज्य की जनता में जरा सा भी विश्वास और उनके लिए सम्मान है तो आप इस्तीफा दें और घर जायें. भाजपा ने कन्नड़ भाषा में हैशटैग चलाया है ‘राज्य की जनता आपको माफ नहीं करेगी.’

कुमारस्वामी सरकार की किस्मत का फैसला आज

विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा के एक और एक नामित हैं. दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के साथ विपक्षी भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं. यदि 15 विधायकों (कांग्रेस के 12 और जदएस के 3) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या वे मत-विभाजन से दूर रहते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्याबल 101 रह जायेगा और कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जायेगी.

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