ऑपरेशन विजय के 20 वर्ष पूरे, बोले राजनाथ – जवानों के गौरव और सम्मान की होगी रक्षा

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करगिल युद्ध के नायकों की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि सैनिकों के गौरव और सम्मान को किसी भी तरह की ठेस न पहुंचे इसे सुनिश्चित करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे. ‘ऑपरेशन विजय’ के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां आयोजित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2019 10:35 PM

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करगिल युद्ध के नायकों की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि सैनिकों के गौरव और सम्मान को किसी भी तरह की ठेस न पहुंचे इसे सुनिश्चित करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे.

‘ऑपरेशन विजय’ के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां आयोजित एक कार्यक्रम में युद्ध में भाग ले चुके सैनिकों, करगिल युद्ध के शहीदों की विधवाओं तथा अन्य को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, सशस्त्र बलों पर भरोसा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि हमारे शहीदों के सम्मान में हम जो कुछ भी करें, वह कम है. हम उनका सम्मान करते हैं और शहीद जवानों की पत्नियों को नमन करते हैं. हम अपने सैनिकों पर गर्व महसूस करते हैं. उन्होंने शनिवार के अपने द्रास दौरे के अनुभव भी साझा किये, जहां उन्होंने वीरगति को प्राप्त सैनिकों के सम्मान में करगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

रक्षा मंत्री ने कहा, मैं अपनी तरफ से सिर्फ यह कह सकता हूं कि हमारे जवानों के सम्मान, स्वाभिमान तथा प्रतिष्ठा की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए मैं हरसंभव कदम उठाऊंगा. सिंह ने कहा कि एक व्यक्ति अन्य चीजों से समझौता कर सकता है, लेकिन अपने स्वाभिमान और सम्मान से समझौता नहीं कर सकता. रक्षा मंत्री ने कहा, यह स्वाभिमान व्यक्तिगत, सामाजिक अथवा राष्ट्रीय हो सकता है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यही स्वाभिमान की भावना थी कि 18 साल और 20 साल के युवकों ने फांसी को गले लगाया था. उन्होंने बताया कि करगिल यात्रा के दौरान उन्हें ऑपरेशन विजय की पूरी जानकारी दी गयी. रक्षा मंत्री ने कहा, जिस तरह की कहानियां मैंने सुनी उससे मुझे विश्वास हो गया कि भारतीय सैनिक का पराक्रम अतुलनीय है.

उन्होंने करगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी और उनकी मशहूर लाइन ‘ये दिल मांगे मोर’ को याद किया. सिंह ने कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री का पद संभालने के दो दिन बाद सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सैनिकों से मुलाकात की थी ताकि उन्हें बेहतर तरीके से समझा जा सके. रक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद शहीदों की पत्नियों को सम्मानित किया. इनमें करगिल युद्ध में अपने पतियों को खोने वाली महिलाएं और इस साल ड्यूटी के दौरान शहीद जवानों की पत्नियां शामिल हैं. एनसीसी ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार, सांसद मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थीं. कार्यक्रम में मौजूद मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जीडी बक्शी ने अपने संबोधन में रक्षा मंत्री से जेएनयू के कैम्पस में सेना का एक टैंक और लड़ाकू विमान लगाने की अपील की जिससे देशभक्ति की बेहतर भावना पैदा हो सके.

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