TDP के चार राज्यसभा सदस्य भाजपा में शामिल, सौंपा विलय का प्रस्ताव

नयी दिल्ली : तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के छह राज्यसभा सदस्यों में से चार बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने तेदेपा संसदीय दल (राज्यसभा में) का भगवा पार्टी में विलय करने का प्रस्ताव उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंपा. इस तरह, राज्यसभा में भाजपा की स्थिति मजबूत होती दिख रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 20, 2019 7:18 PM

नयी दिल्ली : तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के छह राज्यसभा सदस्यों में से चार बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने तेदेपा संसदीय दल (राज्यसभा में) का भगवा पार्टी में विलय करने का प्रस्ताव उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंपा. इस तरह, राज्यसभा में भाजपा की स्थिति मजबूत होती दिख रही है.

तेदेपा के राज्यसभा सदस्य वाईएस चौधरी के नेतृत्व में पार्टी के चार सदस्यों (उच्च सदन के) ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव पारित किया. इसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. चौधरी लंबे समय से तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के विश्वस्त सहयोगी माने जाते थे.

सूत्रों के अनुसार राज्यसभा में तेदेपा के चार सदस्यों– वाई एस चौधरी, सी एम रमेश, जी मोहन राव, और टी जी वेंकटेश– ने अपने धड़े का भाजपा में विलय करने के अनुरोध का प्रस्ताव नायडू को सौंपा है. भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा और राज्यसभा में पार्टी के नेता थावरचंद गहलोत ने भी वेंकैया नायडू से मुलाकात की तथा इस विलय को मंजूरी देने का अनुरोध किया.

यह घटनाक्रम चंद्रबाबू के लिए एक बड़ा झटका है जो लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को मिली करारी हार के बाद लगा है. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं तभी उनकी पार्टी पर यह नया संकट आ गया है. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से फोन पर बात की और उन्हें इसका डट कर सामना करने के लिए कहा। साथ ही, यह भी कहा कि संगठन के लिए इस तरह के संकट नये नहीं हैं.

भाजपा मुख्यालय में नड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि तेदेपा सांसदों (जिनमें से तीन वहां मौजूद थे) ने भगवा पार्टी में शामिल होने का फैसला इसलिए किया कि उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एजेंडा विकास और समावेश का है. नड्डा के साथ गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी भूपेंद्र यादव भी थे, जहां भगवा पार्टी ने आंध्र प्रदेश के इन नेताओं का अपनी पार्टी में स्वागत किया. यादव ने कहा कि पैर टूट जाने की वजह से राव इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.

नड्डा ने कहा कि इन लोगों के शामिल होने से राज्य में पार्टी मजबूत होगी. संवाददाताओं से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि राज्य का विकास सहयोग से हो सकता है ना कि टकराव से. उन्होंने संभवत: तेदेपा प्रमुख को आड़े हाथ लेते हुए यह कहा, जिनका आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार से तकरार चली आ रही है.

तेदेपा के भाजपा नीत राजग से बाहर निकलने से पहले चौधरी मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल में मंत्री थे. पिछले साल आयकर विभाग ने चौधरी और रमेश के कार्यालय परिसरों में छापा मारा था. कर चोरी और धन शोधन के आरोपों को लेकर यह कार्रवाई की गई थी.

तेदेपा के चारों सांसदों ने कहा कि काफी चर्चा के बाद तेदेपा के राज्यसभा में संसदीय दल का भाजपा में तत्काल प्रभाव से विलय करने का फैसला लिया गया. तेदेपा संसदीय दल ने शाह को भी पत्र लिख कर विलय को स्वीकार करने का अनुरोध किया और उन्हें सभापति को एक प्रस्ताव देकर उन लोगों को स्वीकार किए जाने से अवगत कराने को कहा.

तेदपा के चार सांसदों के इस फैसले से राज्यसभा में भाजपा का संख्या बल बढ़ेगा, जहां (उच्च सदन में) सत्तारूढ़ राजग को अब तक बहुमत नहीं है. राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है. उच्च सदन में सर्वाधिक 71 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है. तेदेपा के लोकसभा में भी तीन सदस्य हैं.

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