13 जून को गुजरात तट से टकराएगा चक्रवात ‘वायु”, हाई अलर्ट जारी, CM रुपाणी ने की आपात बैठक

नयी दिल्ली : अरब सागर के मध्य पूर्वी क्षेत्र में पिछले दो दिनों से बने हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवात ‘वायु’ मंगलवार को महाराष्ट्र से उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ने लगा है. मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, सुदूर समुद्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 11, 2019 8:43 PM

नयी दिल्ली : अरब सागर के मध्य पूर्वी क्षेत्र में पिछले दो दिनों से बने हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवात ‘वायु’ मंगलवार को महाराष्ट्र से उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ने लगा है.

मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, सुदूर समुद्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र तेजी से बनने के कारण ‘वायु’ के 13 जून को गुजरात के तटवर्ती पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र में पहुंचने की संभावना है. इधर इसके मद्देनजर मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी ने अधिकारियों के साथ बैठक की है.

मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 13 और 14 जून को भारी बारिश होने तथा 110 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है. स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर गुजरात सरकार ने भी ‘हाई अलर्ट’ जारी करते हुये सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में मंगलवार को सुबह तूफान की आशंका वाले तटीय इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों को तैनात किया है.

इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिये संबद्ध विभागों की उच्च स्तरीय बैठक की. विभाग ने अगले 12 घंटों में चक्रवात के और अधिक गंभीर रूप धारण करने की आशंका व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तर की ओर बढ़ता ‘वायु’ 13 जून को सुबह गुजरात के तटीय इलाकों में पोरबंदर से महुवा, वेरावल और दीव क्षेत्र को प्रभावित करेगा.

इसकी गति 115 से 130 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है. इसके बाद तूफानी हवाओं की गति धीरे धीरे मंद पड़ना शुरु हो जायेगी. तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. साथ ही बंदरगाहों को खतरे के संकेत और सूचना जारी करने को कहा गया है.

बुलेटिन के अनुसार चक्रवात के दौरान कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, गीर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिलों के तटीय क्षेत्र में एक से डेढ़ मीटर ऊंची समुद्री लहरें उठने की आशंका है. उल्लेखनीय है कि गत मई में चक्रवात ‘फेनी’ ने ओडिशा तट पर तबाही मचाई थी. इसमें लगभग 60 लोगों की मौत हुयी थी.

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