ट्रैफिक जाम होने से डेथ जोन बन रहा माउंट एवरेस्ट

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारी संख्या में लोगों का पहुंचना हालिया मौतों की वजह बन रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी भीड़ और रास्ता संकरा होने के कारण लोगों को शिखर तक पहुंचने के लिए रास्ते में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. ऊंचाई पर घटे हुए वायुदाब के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2019 1:45 AM

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारी संख्या में लोगों का पहुंचना हालिया मौतों की वजह बन रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी भीड़ और रास्ता संकरा होने के कारण लोगों को शिखर तक पहुंचने के लिए रास्ते में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. ऊंचाई पर घटे हुए वायुदाब के कारण उन्हें सांस से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं और यही कारण है कि यहां लोगों का मौत हो रही है.

वैज्ञानिकों ने इस रास्ते को डेथ जोन ट्रैक करार दिया है. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान इस सीजन में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से छह पर्वतारोही भारतीय हैं. गुरुवार को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान दो भारतीय अंजलि कुलकर्णी, कल्पना दास और अमेरिकी डोनाल्ड कैश की जान चली गयी. रिपोर्ट के मुताबिक, एवरेस्ट पर भारी संख्या में लोगों का पहुंचना हो रही मौतों की वजह हो सकती है.
पायोनियर एडवेंचर के मैनेजर निवेश कार्की के मुताबिक, एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की बढ़ती संख्या बड़ी समस्या है, क्योंकि इसका रास्ता बेहद खतरनाक है. यहां ट्रैफिक बढ़ने से यात्रा कठिन हो जाती है और जान पर खतरा बना रहता है. मौसम अनुकूल होने से पर्वतारोही ज्यादा संख्या में माउंट एवरेस्ट पर पहुंच रहे हैं. बता दें कि पर्वतारोहण के इस सीजन में नेपाल सरकार ने 381 पर्वतारोहियों के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के परमिट जारी किये हैं. इससे स्थिति और बिगड़ गयी है.
8,848 मी ऊंची चोटी पर दो घंटे तक का लग रहा जाम, लगी लंबी लाइन
दो भारतीयों अंजलि व कल्पना समेत तीन लोगों की गयी जान
काठमांडू. दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर बुधवार को ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति देखने को मिली. 200 से अधिक पर्वतारोहियों ने शिखर पर पहुंचने की कोशिश की. उन्होंने 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर जाने के अपने रास्ते में दो घंटा से अधिक समय तक इंतजार करने की शिकायत की.
  • 381 पर्वतारोहण परमिट जारी किया है नेपाल सरकार ने पर्वतारोहियों को
  • 200 से अधिक पर्वतारोही बुधवार को एवरेस्ट पर चढ़ने पहुंचे
  • 44 टीमें कर रही हैं पर्वतारोहियों को गाइड
  • ट्रैफिक में 12 घंटे से अधिक फंसे रहने के कारण कल्पना की हुई मौत
कल्पना दास (52) चोटी पर पहुंचने में सफल रहीं, लेकिन उतरने के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गयी. निहाल भगवान (27) भी वापस आने के रास्ते में मारे गये. खबर के मुताबिक, मृतक ट्रैफिक में 12 घंटे से अधिक फंसे रहे और बीमार पड़ गये. उन्हें कैंप में पहुंचाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गयी. इससे पहले बुधवार को अंजलि कुलकर्णी (55) और एक अमेरिकी पर्वतारोही की मौत भी एवरेस्ट पर ही हो गयी थी.

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