अपने कर्मों से सिर्फ लीजेंड नहीं, जीवंत मिथ, मुहावरा थे डॉ केके सिन्हा

प्रख्यात चिकित्सक डॉ केके सिन्हा के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने जताया शोक, कहा उनका जाना एक युग का अंत, उनकी भरपाई मुश्किल नयी दिल्ली (ब्यूरो) : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रख्यात चिकित्सक डॉ केके सिन्हा के निधन पर गहरा शोक जताया है. अपने शोक संदेश में हरिवंश ने कहा है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2019 5:05 PM

प्रख्यात चिकित्सक डॉ केके सिन्हा के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने जताया शोक, कहा उनका जाना एक युग का अंत, उनकी भरपाई मुश्किल

नयी दिल्ली (ब्यूरो) : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रख्यात चिकित्सक डॉ केके सिन्हा के निधन पर गहरा शोक जताया है. अपने शोक संदेश में हरिवंश ने कहा है कि डॉ केके सिन्हा का जाना चिकित्सा जगत में एक युग का अंत है, जिसकी भरपाई आसान नहीं.

पिछले कई दशक से डॉ सिन्हा रांची में रहकर चिकित्सा के क्षेत्र में न सिर्फ झारखंड-बिहार की पहचान थे, बल्कि वे राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा जगत में एक आइकॉन थे.

कम लोगों को ही अपने जीवन में लीजेंड के साथ मिथ-मुहावरा जैसा बन जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है, लेकिन डॉ केके सिन्हा को अपनी प्रतिभा के कारण, अपने पेशे के प्रति समपर्ण व लगन के कारण यह सौभाग्य मिला.

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उपसभापति हरिवंश ने कहा कि डॉ सिन्हा से वर्षों से निजी संबंध रहा. वे चिकित्सकीय पेशा में तो सिरमौर थे ही, उससे इतर इतिहास, परंपरा, संस्कृति, संगीत में उनकी जितनी रुचि थी, जितना ज्ञान था, वह उनके व्यक्तित्व के आयाम को और विस्तार देता था.

भारतीय संगीत के वे अनोखे प्रेमी थे. जितने मनोयोग से संगीत सुनते थे, उसी तरह उस पर बात भी करते थे. साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में पश्चिमी सभ्यता की देन पर वे गहरी जानकारी रखते थे.

हरिवंश ने कहा कि डॉ सिन्हा की भरपाई तो संभव नहीं लेकिन उनके व्यक्तित्व-कृतित्व को सदैव याद रखा जायेगा. उनका जाना एक निजी क्षति है.

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