आदिवासियों एवं वनवासियों के वनक्षेत्र पर अधिकार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट करीब 11.8 लाख आदिवासियों और पारंपरिक वनवासियों की संभावित बेदखली पर रोक की मांग वाली केंद्र की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) कानून 2006 के तहत इन आदिवासियों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 27, 2019 1:15 PM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट करीब 11.8 लाख आदिवासियों और पारंपरिक वनवासियों की संभावित बेदखली पर रोक की मांग वाली केंद्र की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) कानून 2006 के तहत इन आदिवासियों एवं वनवासियों के वनक्षेत्र पर उनके अधिकार के दावे को खारिज कर दिया है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस अनुरोध पर विचार किया केंद्र की याचिका तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाये. शीर्ष अदालत ने इससे पहले 21 राज्यों को उन आदिवासियों एवं वनवासियों की बेदखली को लेकर की गयी कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराने का निर्देश दिया था जिनके दावे अस्वीकार किये जा चुके हैं.

शीर्ष अदालत ने 13 फरवरी को अपने आदेश में संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव हलफनामा दायर कर यह बताने का निर्देश दिया था कि जिन आदिवासियों को हटाये जाने के संबंध में आदेश दिये जा चुके हैं, क्या उन्हें बेदखल किया गया है या नहीं और यदि नहीं तो इसका क्या कारण है. शीर्ष अदालत 2006 के बाद से दायर की गयीं इस मुद्दे से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.

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