अब भी उतने ही व्यस्त हैं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह
काम से रिटायर होने के बाद इनसान छुट्टियों के मूड में होता है. लेकिन, 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह इस मूड में कतई नहीं हैं. अब भी वह मीटिंग और लोगों से मिलने में व्यस्त रहते हैं. वक्त मिलते ही पढ़ने में जुट जाते हैं. वह देश के पीएम नहीं […]
काम से रिटायर होने के बाद इनसान छुट्टियों के मूड में होता है. लेकिन, 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह इस मूड में कतई नहीं हैं. अब भी वह मीटिंग और लोगों से मिलने में व्यस्त रहते हैं. वक्त मिलते ही पढ़ने में जुट जाते हैं. वह देश के पीएम नहीं रहे, लेकिन उनकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया है.
प्रधानमंत्री के रूप में लगातार 10 साल तक सुर्खियों में रहनेवाले प्रधानमंत्री आम चुनाव के बाद सिर्फ एक बार चर्चा में आये, जब नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास पर जाकर उनसे भेंट की. अखबार की सुर्खियों से दूर होने के अलावा मनमोहन सिंह के जीवन में कुछ नहीं बदला. उनकी दिनचर्या आज भी वैसी ही है, जैसी प्रधानमंत्री के रूप में होती थी. हां, पहले सुबह 10 बजे से मीटिंग शुरू होती थी, अब 11 बजे से होती है.
डॉ सिंह आज भी उतने ही व्यस्त हैं, जितने पीएमओ या पीएम आवास में होते थे. सरकार में अनिर्णय की स्थिति और लेम डक गवर्नेंस के लिए बार-बार कोसे गये भूतपूर्व प्रधानमंत्री के लिए सुकून की बात यह है कि अब उन्हें बहुत ज्यादा यात्रा नहीं करनी पड़ती. मीटिंगों का बोझ कम हो गया है. अब परिवार और मित्रों को वक्त दे पाते हैं.
बावजूद इसके डॉ सिंह अपने तीन मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित बंगले में छुट्टी के मूड में नहीं होते. सदैव काम करने के आदी मनमोहन सुबह उठने के बाद सबसे पहले टहलते हैं. फिर अखबार पढ़ते हैं और फिर मीटिंगों में मसरूफ हो जाते हैं. यह ऑफिशियल मीटिंग नहीं होती.
बड़ी संख्या में नेता, व्यवसायी, शिक्षाविद और योजना आयोग के पूर्व सदस्य उनसे मिलने आते हैं. उन्हें भी डॉ सिंह ज्यादा वक्त दे पाते हैं. उन्हें लगातार पत्र आते हैं, जिसका जवाब वह हर दिन देते हैं. तीन बेटियों उपिंदर सिंह (51), दमन सिंह (47) और अमृत सिंह (41) के पिता मनमोहन के पास जब भी वक्त होता है, तो वह अपनी हॉबी पढ़ाई पूरी करने बैठ जाते हैं. प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद उन्हें पढ़ने का भी पर्याप्त वक्त मिलता है.
* सुरक्षा में कमी नहीं
प्रधानमंत्री के रूप में सबसे ज्यादा सुरक्षाकर्मियों से घिरे रहनेवाले डॉ सिंह को अब भी 24 घंटे एसपीजी और दिल्ली पुलिस के 100 जवानों की सुरक्षा प्राप्त है. देश पर शासन करनेवाले पहले टेक्नोक्रेट डॉ मनमोहन सिंह राज्यसभा के सदस्य के रूप में राजनीतिक जीवन में बने रहेंगे.
* पूर्व पीएम की दिनचर्या में नहीं आया है कोई बदलाव
* परिवार, दोस्त और पढ़ाई को देते हैं ज्यादा वक्त
* हर दिन आनेवाले पत्रों के जवाब उसी दिन भेज देते हैं