एजी, कैग को समन नहीं कर सकती पीएसी, अधिकतर सदस्य खड़गे के प्रस्ताव के खिलाफ

नयी दिल्ली : राफेल सौदे में अटॉर्नी जनरल (एजी) और कैग को लोक लेखा समिति (पीएसी) समन नहीं कर सकती है क्योंकि विपक्षी दलों सहित अधिकतर सदस्य समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं. कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया था कि सौदे को लेकर उच्चतम न्यायालय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 16, 2018 7:49 PM

नयी दिल्ली : राफेल सौदे में अटॉर्नी जनरल (एजी) और कैग को लोक लेखा समिति (पीएसी) समन नहीं कर सकती है क्योंकि विपक्षी दलों सहित अधिकतर सदस्य समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं.

कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया था कि सौदे को लेकर उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया था जिसे पीएसी को सौंपा गया था, लेकिन कहा कि खड़गे के नेतृत्ववाली संसदीय समित के समक्ष ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दी गयी. खड़गे ने शनिवार को कहा था कि वह समिति के सभी सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और कैग को समन कर पूछा जाये कि कैग की रिपोर्ट कब संसद में पेश की गयी. उनके बयान पर बीजद के सांसद भतृहरि महताब ने कहा कि पीएसी के अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से एजी और कैग को बुला सकते हैं, लेकिन पूरी समिति के समक्ष उन्हें तलब नहीं कर सकते क्योंकि 2018-19 के एजेंडे में राफेल सौदा नहीं था. उन्होंने कहा कि सौदे पर कैग की रिपोर्ट को समिति के समक्ष पेश नहीं किया गया है.

समिति के सबसे अधिक समय तक के सदस्य महताब ने कहा कि निजी तौर पर बुलाने पर दोनों अधिकारियों के बयान दर्ज नहीं किये जा सकते. इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए तेदेपा के सांसद सीएम रमेश ने कहा कि अगर सदस्य चाहें तो समिति एजी और कैग को बुला सकती है, लेकिन संसद में रिपोर्ट पेश होने के बाद ही. समिति में भाजपा नीत राजग के सांसद इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं जहां सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय पर सवाल खड़े करने की तरह है. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे में सरकार को क्लीनचिट दे दी है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस और खड़गे जैसे अनुभवी नेता राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं.

भाजपा के एक अन्य सांसद गोपाल शेट्टी ने जानना चाहा कि अध्यक्ष सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों को कैसे इस मुद्दे पर बुला सकते हैं जो समिति के एजेंडे में ही नहीं है और तब जबकि कैग की रिपोर्ट समिति के समक्ष पेश नहीं की गयी. राजग के सहयोगी शिअद के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि समिति के लिए यह अनैतिक है कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाना शुरू कर दे. पीएसी के 22 सदस्यीय पैनल में भाजपा का बहुमत है क्योंकि उसके 12 सांसद शामिल हैं. साथ ही सहयोगी दलों शिवसेना और शिअद का भी एक-एक सांसद है, जबकि खड़गे समेत कांग्रेस के तीन सांसद हैं. इसके अलावा टीएमसी के दो सांसद व टीडीपी, बीजद और एआईएडीएमके का एक-एक सांसद हैं.

Next Article

Exit mobile version