पाकिस्तान आतंकवाद रोके, तो हम भी ‘नीरज चोपड़ा” की तरफ व्यवहार करेंगे: सेना प्रमुख बिपिन रावत

नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा का पाकिस्तान के प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी से हाथ मिलाने का हवाला देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद रोके तो भारतीय सेना भी ‘नीरज चोपड़ा’ जैसा बर्ताव करेगी. बुधवार को एशियाई खेलों में पदक विजेता सैन्यकर्मियों को सम्मानित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 6, 2018 1:59 PM
नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा का पाकिस्तान के प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी से हाथ मिलाने का हवाला देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद रोके तो भारतीय सेना भी ‘नीरज चोपड़ा’ जैसा बर्ताव करेगी. बुधवार को एशियाई खेलों में पदक विजेता सैन्यकर्मियों को सम्मानित करने के एक कार्यक्रम में रावत ने कहा कि पहले के मुकाबले 2017 में कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है और 2018 में स्थिति लगातार सुधर रही है.

रावत से जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर ‘खेल भावना’ दिखाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘ पहला कदम उन्हें उठाना चाहिए, उन्हें आतंकवाद रोकना चाहिए. अगर वे आतंकवाद रोकते हैं तो हम भी नीरज चोपड़ा जैसा बनेंगे.’ एशियाई खेल में भारत के लिए उस समय गर्व का क्षण आया जब चोपड़ा स्वर्ण पदक जीतकर चीन और पाकिस्तान खिलाड़ी से ऊपर पोडियम पर खड़े थे. कांस्य पदक जीतने वाले पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम से पोडियम पर चोपड़ा के हाथ मिलाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी. रावत ने कहा कि आतंकवाद में बढ़ोतरी के मीडिया के आंकड़ों के उलट जो स्थानीय युवा कट्टरपंथी बनकर हथियार उठा लेते हैं वे अब या तो सुरक्षाबलों द्वारा मारे जा रहे हैं, गिरफ्तार किये जा रहे हैं या एक-दो महीने में आत्मसमर्पण कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘ सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई जारी है लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि युवाओं और उनके परिवार वालों में यह भावना है कि कट्टरपंथ का रास्ता सही नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘ मैंने कई स्थानों पर देखा है कि माताओं ने अपने बेटों से घर लौटने को कहा है और अगर यह कार्रवाई जारी रहती है तो मुझे विश्वास है कि हम आतंकवाद की समस्या को सुलझाने में सक्षम होंगे. और जिन युवाओं में कट्टपंथी विचारधारा भरी गई है, वे धीरे-धीरे लौट आएंगे.’

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