प्राइवेट जॉबवाले भी बन सकेंगे सरकारी अफसर, ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के लिए आवेदन आमंत्रित

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने नौकरशाही में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया है. अब वरिष्ठ अफसर बनने के लिए सिविल सर्विस परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं होगा. निजी कंपनी में काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारी भी इस पद पर नियुक्त हो सकते हैं. इसी कड़ी में रविवार को 10 मंत्रालयों व विभागों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 11, 2018 7:15 AM

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने नौकरशाही में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया है. अब वरिष्ठ अफसर बनने के लिए सिविल सर्विस परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं होगा. निजी कंपनी में काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारी भी इस पद पर नियुक्त हो सकते हैं. इसी कड़ी में रविवार को 10 मंत्रालयों व विभागों में ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर नियुक्ति के लिए लैटरल एंट्री से जुड़ी अधिसूचना सरकार ने जारी की. आवेदन करने की अंतिम तारीख 30 जुलाई है.

सरकार इसके लिए सर्विस रूल में जरूरी बदलाव भी करेगी. मालूम हो कि किसी मंत्रालय या विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी का पद काफी अहम होता है और तमाम बड़ी नीतियों को अंतिम रूप देने में और उनके अमल में इनका अहम योगदान होता है. सूत्रों के अनुसार ब्यूरोक्रेसी के अंदर इस प्रस्ताव पर विरोध और आशंका दोनों थी, जिस कारण इसे लागू करने में इतनी देरी हुई. सरकार का मानना है कि लैटरल एंट्री आइएएस अफसरों की कमी को पूरा करने का भी प्रभावी जरिया बनेगा.

यूपीएससी को कमजोर करने व आरक्षण को धत्ता बताने की साजिश : माकपा

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने वरिष्ठ पदों को निजी क्षेत्र सहित आम लोगों के लिए खोलने को लेकर सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि समय की कसौटी पर परखे गये यूपीएससी व एसएससी को कमजोर करने की कोशिश क्यों की जा रही है. आइएएस रैंकों को आरएसएस के लोगों से भरने व आरक्षण को धत्ता बताने के प्रयास किये जा रहे हैं.

2005 से लंबित था प्रस्ताव

नौकरशाही में लैटरल एंट्री का पहला प्रस्ताव 2005 में ही आया था, जब प्रशासनिक सुधार पर पहली रिपोर्ट आयी थी. तब इसे सिरे से खारिज कर दिया गया. फिर 2010 में दूसरी प्रशासनिक सुधार रिपोर्ट में भी इसकी अनुशंसा की गयी, लेकिन पहली गंभीर पहल 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद हुई. सरकार ने 2016 में इसकी संभावना तलाशने के लिए एक कमेटी बनायी, जिसने अपनी रिपोर्ट में इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की अनुशंसा की.

सरकार बोली : उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मिलेगा मौका

पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मौका मिलेगा. यह उपलब्ध स्रोतों में सर्वश्रेष्ठ को चुनने का एक प्रयत्न है. इसके पीछे प्रेरणा यह है कि यह हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से अपना विकास सुनिश्चित करने का मौका देता है.

10 मंत्रालयों से शुरुआत

अभी सरकार 10 मंत्रालयों में ऐसे ज्वाइंट सेक्रेटरी को नियुक्त करेगी. ये हैं- फाइनेंस सर्विस, इकोनॉमिक अफेयर्स, एग्रीकल्चर, रोड ट्रांसपोर्ट, शिपिंग, पर्यावरण, रिन्यूअबल एनर्जी, सिविल एविएशन और कॉमर्स.

तीन साल का टर्म

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति होगी. इनका टर्म तीन साल का होगा. यदि प्रदर्शन बेहतर रहा, तो पांच साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है.

न्यूनतम उम्र 40 साल

नियुक्ति के लिए न्यूनतम उम्र 40 साल है और अधिकतम तय नहीं है. इनका वेतन केंद्र सरकार के अंतर्गत ज्वाइंट सेक्रेटरी वाला होगा. सारी सुविधा उसी अनुरूप मिलेगी. सर्विस रूल की तरह काम करेंगे.

ये भी होंगे पात्र

निजी कंपनियों के अफसर के अलावा सामान्य ग्रेजुएट व किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावा किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल का अनुभव रखने वाले भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे.

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