अब स्टरलाइट को नहीं मिलेगी जमीन, तमिलनाडु विस में उठा तूतीकोरिन का मामला

चेन्नई : तमिलनाडु के तूतीकोरिन में उग्र प्रदर्शन और पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों के मारे जाने का मामला मंगलवारको राज्य विधानसभा में जोर-शोर से उठा और मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई अपरिहार्य थी. विपक्षी द्रमुक ने इस मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया. उधर, तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 29, 2018 5:59 PM

चेन्नई : तमिलनाडु के तूतीकोरिन में उग्र प्रदर्शन और पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों के मारे जाने का मामला मंगलवारको राज्य विधानसभा में जोर-शोर से उठा और मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई अपरिहार्य थी. विपक्षी द्रमुक ने इस मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया. उधर, तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड (एसआईपीसीओटी) ने तूतीकोरिन में स्थित वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के प्रस्तावित विस्तार के लिए जमीन के आवंटन को मंगलवार को व्यापक जनहित में रद्द कर दिया.

तूतीकोरिन में 22 मई की घटना के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ आंसू गैस के गोले तथा लाठी चार्ज जैसे कदम उठाये गये। उन्होंने पुलिस की गोलीबारी पर सदन के पटल पर पेश एक रिपोर्ट में कहा,‘अपरिहार्य परिस्थितियों में पुलिस बल को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा.’ उन्होंने तूतीकोरिन की जनता से किसी के बहकावे में नहीं आने और शांति बनाये रखने में सहयोग करने की अपील की. प्रश्नकाल के तत्काल बाद विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने तूतीकोरिन में तांबा संयंत्र बंद करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाने और नीतिगत निर्णय लेने की बजाये सरकारी आदेश जारी करने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा.

द्रमुक नेता ने सरकारी आदेश जारी करने को आंखों में धूल झोंकनेवाला करार दिया जो स्टरलाइट प्रबंधन को इस संबंध में अदालत की शरण में जाने का मौका देता है. उन्होंने कहा कि यह कदम 2013 में उठाये गये कदम के ही समान है. स्टालिन ने सोमवार को कहा था कि 2013 में इसी प्रकार के बंद नोटिस के बाद संयंत्र दोबारा खोला गया था. उन्होंने सरकार पर लोगों से बातचीत नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के इस्तीफे की मांग की और कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा की कार्यवाही का तब तक बहिष्कार करेगी जब तक कि संयंत्र को स्थायी तौर पर बंद नहीं कर दिया जाता. बाद में उनकी अगुवाई में पार्टी के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया. द्रमुक सदस्य विरोधस्वरूप काले कपड़े पहने हुए थे.

इस बीच, मुख्यमंत्री ने 13 लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और पांच पेज की रिपोर्ट पेश की जिसमें हिंसा की घटना और इस संबंध में सरकार की ओर से उठाये गए कदमों का विस्तृत विवरण था. कांग्रेस नेता के रामासामी ने कहा कि मामले की जांच ठीक ढंग से की जानी चाहिए अथवा इसे सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए. उन्होंने इस संबंध में सभी मामलों को बिना शर्त वापस लेने की भी मांग की.

इससेपहले तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड (एसआईपीसीओटी) ने तूतीकोरिन में स्थित वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के प्रस्तावित विस्तार के लिए जमीन के आवंटन को मंगलवारको व्यापक जनहित में रद्द कर दिया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी. तमिलनाडु सरकार ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टरलाइट कॉपर प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने के आदेश दिये थे जिसके एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है. एसआईपीसीओटी ने वेदांता समूह को भेजी एक सूचना में कहा, प्रस्तावित विस्तार के लिए जमीन का आवंटन एसआईपीसीओटी द्वारा किया गया था और व्यापक जनहित में वेदांता लिमिटेड के कॉपर प्लांट (चरण-दो) के प्रस्तावित विस्तार को रद्द किया जाता है.’ इसमें कहा गया है,‘इस भूमि आवंटन के लिए ली गयी जमीन की कीमत को एसआईपीसीओटी के मानदंडों के अनुसार वापस किया जायेगा.’ मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने सोमवार को कहा था कि राज्य सरकार ने कॉपर प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने के निर्देश जारी किये हैं.

इस बीच, वेदांता समूह ने प्लांट को बंद किये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस घटनाक्रम का अध्ययन करने के बाद ही भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जायेगा. मद्रास उच्च न्यायालय ने 23 मई को पर्यावरण कार्यकर्ता फातिमा बाबू की एक याचिका पर तूतीकोरिन जिले में वेदांता के कापर प्लांट के विस्तार पर रोक लगा दी थी. स्थानीय लोग फैक्ट्री को बंद किये जाने को लेकर 99 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन 22 मई को आंदोलन के 100 वें दिन प्रदर्शन हिंसक हो गया था.

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