फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बेल

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता आजम खान की पत्नी और बेटे को भी इलाहाबाद हार्ईकोर्ट ने राहत दे दी है.

By Rajneesh Anand | May 25, 2024 12:49 PM

Azam Khan : फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा के दिग्गज नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने इस मामले में उनकी पत्नी और बेटे को भी राहत देते हुए तीनों को बेल दे दिया है. आजम खान के वकील शरद शर्मा ने न्यूज एजेंसी एनआई को बताया कि कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी है. जस्टिस संजय कुमार सिंह ने केवल आजम खान की सजा पर रोक लगाई जबकि तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को राहत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे द्वारा दायर तीन आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था.शरद शर्मा ने बताया कि यह मामला 2019 का है, रामपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. लोअर कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी. उसी के खिलाफ यहां याचिका दाखिल की गई थी. वकील शरद शर्मा ने बताया कि अभी मामला चलेगा. दरअसल इनका दो जन्म प्रमाण पत्र था, जिसमें अलग-अलग तारीख दर्ज थी.

शरद शर्मा ने यह भी बताया कि मैं अभी और कुछ नहीं कह सकता क्योंकि जजमेंट अभी पूरा नहीं आया है. कोर्ट ने जो कुछ कहा उसके आधार पर यही मुख्य बातें सामने आई हैं. पूरा जजमेंट पढ़ने के बाद ही इसपर कुछ कहा जा सकेगा. ज्ञात हो कि 2017 से विधानसभा चुनाव में नकली जन्म प्रमाण पत्र का मामला सामने आया था. अब्दुल्ला आजम के बारे में यह कहा था कि उनकी उम्र चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे लेकिन उन्होंने नकली जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा था. आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा हुई थी.

2023 में सुनाई गई थी सजा

आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे ने अब्दुल्ला के जन्म प्रमाणपत्र के कथित फर्जीवाड़ा मामले में रामपुर के सत्र न्यायालय द्वारा 18 अक्टूबर 2023 को सुनाई गई सात साल की सजा को चुनौती दी थी. अभियोजन पक्ष के मुताबिक यह मामला तीन जनवरी 2019 का है. रामपुर के निवासी और मौजूदा समय में रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद सत्र अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तीनों को सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी.

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