जानें, साइकोकिलर नरेश धनखड़ की कहानी, आदमी कैसे बन गया हैवान

भिवानी : आदमी जब हैवान बन जाये तो उसके साथ रहने वाले लोग आतंकित रहते हैं. हरियाणा के भिवानी जिले में एक साइकोकिलर का खौफ ऐसा था कि ऑफिस के लोग भी परेशान रहते थे. कृषि विभाग में डेढ़ साल से कार्यरत इस शख्स का नाम नरेश धनखड़ था. नरेश धनखड़ ने सोमवार रात को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 2, 2018 6:24 PM

भिवानी : आदमी जब हैवान बन जाये तो उसके साथ रहने वाले लोग आतंकित रहते हैं. हरियाणा के भिवानी जिले में एक साइकोकिलर का खौफ ऐसा था कि ऑफिस के लोग भी परेशान रहते थे. कृषि विभाग में डेढ़ साल से कार्यरत इस शख्स का नाम नरेश धनखड़ था. नरेश धनखड़ ने सोमवार रात को दो घंटे के अंतराल में एक ही तरीके से छह लोगों की हत्या कर दी . पुलिस ने उसे गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन इस साइकोकिलर का दहशत इलाके में अब भी बरकरार है.

पुलिस के मुताबिक, पलवल अस्पताल में एक महिला की हत्या करने के बाद हत्यारोपी ने मोती कॉलोनी पार्क के चौकीदार, रसूलपुर रोड से सुरेश इंजीनियरिंग वर्क्स के चौकीदार, रसूलपुर रोड मार्केट के चौकीदार सहित कुल 7 लोगों पर लोहे की रॉड से हमला किया. इसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.दिल्ली से सटे पलवल में 6 लोगों को मौत की नींद सुला देने वाले आरोपी साइको किलर नरेश धनखकर की हालत नाजुक है. ब्रेन हैमरेज होने के बाद उसे फरीदाबाद से सफदरजंग अस्पताल के लिए भेज दिया गया है. फरीदाबाद के मछगर का रहना वाला नरेश सेवानिवृत्त फौजी है. वह जन स्वास्थ्य विभाग में एसडीओ भी रह चुका है.

विभाग के अधिकारियों ने कहा ऑफिस में करता था हंगामा
27 व 28 दिसंबर को नरेश ने भिवानी कार्यालय में जमकर हंगामा किया था.ऑफिस के सहकर्मियों ने बताया कि धनखड़ ने जिस दिन ऑफिस ज्वाइन किया था. उस दिन भी लड़ाई करता था. नरेश की पहले दिन से ही यहां कार्य करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ अनबन शुरू हो गई थी. आए दिन कर्मचारियों को नौकरी से छुट्टी करवाने की धमकी देना उसके लिए आम बात थी. इस बारे में कृषि उपनिदेशक पीएस सभरवाल ने बताया कि नरेश 29 दिसंबर 2017 से कार्यालय से अनुपस्थित था. उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि नरेश ने 27 व 28 दिसंबर को कार्यालय में जोरदार हंगामा किया था.
परिवार से अलग रहता था नरेश धनखड़
नरेश मानसिक रूप से परेशान था और वह अपने परिवार से अलग रहता था. भिवानी की कृष्णा कालोनी में पीजी में वह रहता था. कृषि विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि उसके परिवार वालों के साथ भी ठीकठाक संबंध नहीं थे और यहीं वजह रही कि वह अकेला रह रहा था. 27 व 28 दिसंबर को नरेश ने भिवानी कार्यालय में जमकर हंगामा किया था.
नरेश के परिजनों ने बताया कि वह पढ़ाई में अव्वल था. फौज से रिटायर होने के बाद वह जन स्वास्थ्य विभाग में एसडीओ भी रह चुका है. पलवल में सीरियल हत्याकांड को अंजाम देने वाला शख्स नरेश वर्ष 1999 में सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में भर्ती हुआ था। सेना में मेडिकल ग्राउंड पर रिटायर होने के बाद कृषि विभाग में एडीओ के पद पर वर्ष 2006 में भर्ती हुआ और बाद में प्रमोशन पाकर एसडीओ बना. 10 साल पहले नरेश की शादी पलवल निवासी सीमा के साथ हुई थी. नरेश का सीमा से 8 साल का एक बेटा भी है. छह साल पहले पत्नी सीमा नरेश को छोड़कर अपने मायके चली गई थी.
हत्यारोपी नरेश के भाई चंद्रपाल के अनुसार, उसे पुलिस से सख्त नफरत थी और पत्नी के छोड़कर चले जाने से वह कुंठित हो गया था. शायद इन्हीं परिस्थितियों में उसने इतना बड़ा कदम उठाया होगा. नरेश ने हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार से एमएससी की परीक्षा पास की थी और वह टॉपर था. नरेश धनखड़ के नजदीकी सूत्रों के अनुसार पत्नी से अलग रहने की वजह से वह हमेशा परेशान रहता था.
गौरतलब है कि पूर्व में कई ऐसे साइकोकिलर हुए है जो पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बन गये थे. रमन राघव पर फिल्म भी बन चुकी है. बताया जाता है कि रमन राघ साइकोकिलर ने 41 कत्ल किया था. कहा जाता है कि इस साइकोकिलर ने अपनी बहन के साथ रेप किया था. तामिलनाडु के गांव में जन्मे रमन राधव को क्रॉनिक पैरेनाइक सिजोफ्रेनिया नाम की बीमारी थी.

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