ताजमहल विवाद में कूदा वामदल, भाजपा ने भी तरकश से निकाले तीर…!

नयी दिल्लीः देश में ताजमहल को लेकर छिड़े विवाद में अब एक नया बखेड़ा शुरू हो गया है. इस विवाद को लेकर छिड़ी सियासी जंग में वामदल ने दखल देते हुए मोर्चा संभाल लिया है. इस राजनीतिक विवाद में वामदल के कूदने के बाद भाजपा ने भी अपनी तरकश से तीर निकालकर निशाना साधना शुरू […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 21, 2017 4:37 PM

नयी दिल्लीः देश में ताजमहल को लेकर छिड़े विवाद में अब एक नया बखेड़ा शुरू हो गया है. इस विवाद को लेकर छिड़ी सियासी जंग में वामदल ने दखल देते हुए मोर्चा संभाल लिया है. इस राजनीतिक विवाद में वामदल के कूदने के बाद भाजपा ने भी अपनी तरकश से तीर निकालकर निशाना साधना शुरू कर दिया है. दरअसल, ताजमहल के विवाद में वामदल आैर भाजपा को जमीन देने का काम केरल के पर्यटन विभाग की आेर से किया गया है.

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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, केरल के पर्यटन विभाग ने ताज महल को एेतिहासिक धरोहर के रूप में बढ़ावा देकर इस विवाद में घी डालने का काम किया है. केरल के पर्यटन विभाग ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को प्रेरणा देने वाले ताज को सलाम किया है. इतना ही नहीं, केरल के पर्यटन विभाग ने पर्यटकों से प्रेम के इस प्रतीक को देखने पर भी जोर भी दिया है.

इसी अक्टूबर महीने की 18 तारीख को केरल के पर्यटन विभाग ने अपने ऑफिशियल हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि God’s Own Country भारत को जानने के इच्छुक लाखों लोगों को प्रेरणा देने वाले ताज महल को सलाम करता है. इसके बाद केरल के पर्यटन मंत्री और सीपीएम के विधायक के सुरेंद्रन ने लिखा कि एक भारतीय होने के नाते मुझे हमारी समृद्ध विरासत पर गर्व है और ताज महल इसका प्रतीक है. केरल ताज महल को सलाम करता है.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, ट्विटर पर ताज महल का जिक्र होने से भाजपा और वामदल के बीच राजनीतिक जंग के लिए नया मैदान तैयार हो गया है. अब तक दोनों पार्टियां केरल में कथित राजनीतिक हत्याओं पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही थीं. ऐसे में भाजपा के कुछ लोग इसे वामदल की सोची समझी कोशिश मान रहे हैं, जिससे वह योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार को सिखा सकें कि अपने प्रसिद्ध एवं पर्यटकों में लोकप्रिय गंतव्य की मार्केटिंग कैसे करते हैं. कुछ का यह भी मानना है कि ताजा विवाद को हवा देने के लिए यह सीपीएम की चाल है.

विश्व पर्यटन दिवस पर जारी की गयी अपनी बुकलेट से उत्तर प्रदेश टूरिज़म ने ताज महल का नाम हटा दिया था. हालांकि, राज्य सरकार ने यह कहते हुए सफाई दी कि इस बुकलेट में भविष्य की परियोजनाआें को बढ़ावा दिया गया है, लेकिन विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला जारी रखा. विपक्ष का आरोप है कि भाजपा इस स्मारक को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. इसके बाद ताज महल पर कई अलग-अलग नेताओं ने टिप्पणी की. भाजपा नेता विनय कटियार ने ताज महल को हिंदू मंदिर के ऊपर बनाये जाने का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि ताज महल हिंदू मंदिर है, वहां देवी देवताओं के सारे चिह्न मौजूद हैं.

यूनेस्को की ओर से घोषित इस विश्व धरोहर स्थल को लेकर शुक्रवार को हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने भी विवादित बयान दे दिया. उन्होंने इसे ‘खूबसूरत कब्रिस्तान’ बताया. इससे पहले उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक संगीत सोम ने कहा था कि ताज महल का निर्माण गद्दारों ने करवाया था. उन्होंने कहा था कि ताज महल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है. इस बीच, 26 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यटन परियोजनाआें का उद्घाटन करने के लिए आगरा जा रहे हैं. हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि वह ताज महल देखने जायेंगे या नहीं. हालांकि, कुछ लोगों को उम्मीद है कि मौजूदा विवाद को खत्म करने के लिए सीएम 16वीं शताब्दी में बने इस स्मारक का दौरा कर सकते हैं.

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