कैबिनेट का फैसला : सुरक्षा कारणों से मोदी सरकार भारत-नेपाल सीमा पर बनायेगी नया पुल

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदीकैबिनेटनेआज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए भारत-नेपाल सीमा के बीच मेची नदी पर नये पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी. केंद्र सरकार ने यहफैसला ऐसेसमय में लिया हैजब चीन सेडोकलाममुद्दे पर तानातनी के बीचवहांके के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा आज भारत के दौरे पर आये हैं. भारत सरकार ने इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 23, 2017 7:22 PM

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदीकैबिनेटनेआज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए भारत-नेपाल सीमा के बीच मेची नदी पर नये पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी. केंद्र सरकार ने यहफैसला ऐसेसमय में लिया हैजब चीन सेडोकलाममुद्दे पर तानातनी के बीचवहांके के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा आज भारत के दौरे पर आये हैं. भारत सरकार ने इस संंबंध में अपने अधिकृत बयान में कहा है कि नये पुलकानिर्माण कार्य शुरू करने के लिए लागत में साझेदारी, कार्यक्रम और सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर कार्यान्वयन की व्यवस्था करने को लेकर भारत और नेपाल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने को मंजूरी दी गयी है.

इस पुल के निर्माण में अनुमानित लागत 158.65 करोड़ रुपये आयेगी. यह नया पुलनेपालके काकरविट्टा से पश्चिम बंगाल में पड़ने वाले भारत के पानीटंकी बाईपास तक राष्ट्रीय राजमार्ग 327 बी की 1500 मीटर लंबाई को अपग्रेड करने का हिस्सा है. इसमें 825 मीटर लंबा छह लेन का संपर्क मार्ग शामिल है. मेची पुल भारत में एशियाई राजमार्ग02 का अंतिम बिंदु है, जोनेपाल की ओर जाता है और नेपाल के साथ महत्वपूर्ण संपर्क कायम करता है. उल्लेखनीय है कि 32 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग327बी बागडोगरा से गलगलिया तक जाती है. सामरिक दृष्टिकोण सेयह काफी अहम है.

इस पुल केनिर्माणसे क्षेत्रीय संपर्क सुधरेगा और दोनों देश सीमा के आरपार व्यापार में वृद्धि कर सकेंगे. इसके साथ ही औद्योगिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी होसकेगा. इस परियोजना का कार्यान्वयन सड़क परिवहन मंत्रालय का राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी विकास निगम करेगा. इस पुल का प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर लिया गया है और नेपाल सरकार के साथ वार्तावसामांजस्य के बाद इसेअंतिम रूप दिया गया है.

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