#So_Sad : सालभर से NRI बेटे ने नहीं की थी मां से बात, मिलने आया तो मिला कंकाल

मुंबई से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको भीतर से झकझोरकर रख देगा. मुमकिन है इसे पढ़कर आप रो दें. यह कहानी हैभारतीय मूल केसॉफ्टवेयर इंजीनियर ऋतुराज साहनी की, जो पिछले 20 सालों से अमेरिका में रह रहे हैं. उनके माता-पिता मुंबई में रहते थे. पिता की मौत साल 2013 में हो चुकी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 7, 2017 6:17 PM

मुंबई से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको भीतर से झकझोरकर रख देगा. मुमकिन है इसे पढ़कर आप रो दें.

यह कहानी हैभारतीय मूल केसॉफ्टवेयर इंजीनियर ऋतुराज साहनी की, जो पिछले 20 सालों से अमेरिका में रह रहे हैं.

उनके माता-पिता मुंबई में रहते थे. पिता की मौत साल 2013 में हो चुकी थी और अकेलेपन से जूझते हुए मां ने भी अब दम तोड़ दिया.

बुरी तरह सड़ चुका था शरीर

दरअसल, रविवार छह अगस्त को जब ऋतुराज मुंबई के ओशिवारा स्थित फ्लैट पर मां से मिलने पहुंचे, तो फ्लैट का दरवाजा भीतर से बंद था.

काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं खुला, तोउन्होंने पास के बाजार से चाबी बनानेवाले की मदद ली और मां के फ्लैट की नकली चाबी बनवायी.

दरवाजा खोलकर जब वह भीतर गये, तो अंदर का नजारा देख वह सन्न रह गये. बेड पर उनकी 63 वर्षीय मां का सिर्फ कंकाल बचा था. पूरा शरीर बुरी तरह सड़ चुका था.

जतायी थी ओल्ड एज होम जाने की इच्छा

ओशिवारा थाने के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुभाष खनविल्कर ने ऋतुराजकेहवाले से बताया है, आशा केदार सहानी अंधेरी के लोखंडवाला इलाके में वोल कोस्ट सोसायटी की एक इमारत की 10वीं मंजिल पर रहती थीं.

उनके पति की मौत साल 2013 में हो चुकी है. उनका एक बेटा ऋतुराज, जो एक इंजीनियर है, साल 1997 में अमेरिका जाकर बस गया. दोनों मां-बेटे की आखिरी बार फोन पर बातचीत भी बीते साल अप्रैल में हुई थी.

इस दौरान आशा ने अपने बेटे को बताया कि वह घर में अकेलापन महसूस करती हैं और बेटे से ओल्ड एज होम भेजने की भी बात कही थी.

भूख, कमजोरी से मौत की आशंका

बहरहाल, पुलिस ने कंकाल का पंचनामा कर उसे पोस्टमॉटर्म के लिए गोरेगांव स्थित सिद्धार्थ अस्पताल भेज दिया है. पुलिस का मानना है कि भूख और कमजोरी से महिला की मौत कुछ हफ्तों पहले हुई है.

पुलिस इसे एक्सीडेंटल मौत मान रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पुलिस का कहना है कि महिला के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं, दरवाजा भी अंदर से बंद था. इसलिए यह नैचुरल केस लग रहा है.

छह करोड़ रुपये के दो ‌फ्लैट

पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है और उन लोगों से भी पूछताछ कर रही है, जिन्होंनेअंतिम बार आशा से बात की थी. बतातेचलें कि महिला के नाम पर बेलस्कॉट टावर में करीब छह करोड़ रुपये के दो ‌फ्लैट हैं.

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