Jehanabad : शहर में फुटपाथी दुकानदारों के अतिक्रमण से शहरवासी परेशान

जहानाबाद नगर की सड़कें सुबह होते ही फुटपाथी दुकानदारों के अतिक्रमण से भर जाती हैं, जिससे पैदल यात्रियों को चलने में कठिनाई होती है और वाहनों के परिचालन में भी बाधा उत्पन्न होती है.

By MINTU KUMAR | September 24, 2025 11:07 PM

जहानाबाद नगर

. जहानाबाद नगर की सड़कें सुबह होते ही फुटपाथी दुकानदारों के अतिक्रमण से भर जाती हैं, जिससे पैदल यात्रियों को चलने में कठिनाई होती है और वाहनों के परिचालन में भी बाधा उत्पन्न होती है. वहीं वाहनों का परिचालन में भी व्यवधान उत्पन्न होने लगता है. इस तरह का नजारा हर दिन शहरी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर शहर की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त बनाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन इन प्रयासों का अतिक्रमणकारियों पर कोई विशेष असर पड़ता नहीं दिख रहा है. एक ओर जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अतिक्रमणकारी फिर से अपना जाल फैला रहे हैं. शहर की सड़कें तथा चौक-चौराहों पर सुबह होते ही अतिक्रमणकारी अपना जाल फैला देते हैं. चौक-चौराहों पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा हो जाता है जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. त्योहारों के मौसम में तो अतिकमणकारियों का जाल और भी गहरा हो जाता है जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. शहरी क्षेत्र के अरवल मोड़ हो या अस्पताल मोड़, काको मोड़ हो या मलहचक मोड़ हर जगह अतिक्रमणकारी सड़क के दोनों तरफ अपनी दुकानें सजा लेते हैं जिससे वाहनों का परिचालन तो प्रभावित होता ही है, आम यात्रियों तथा राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. फुटपाथ हो या सड़क हर जगह फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा रहता है. इससे जो सड़कें बचती हैं, उस पर टेंपो चालक अपनी दादागिरी दिखाते हैं जिससे वाहनों के परिचालन में काफी परेशानी होती है. सबसे अधिक परेशानी तो अस्पताल मोड़ पर होती है जहां पैदल बाजार जाना भी मुश्किल होता है. अतिक्रमण का जाल इस कदर फैला है कि वाहनों की बात ही दूर पैदल बाजार जाना भी नाकों चने चबाने के बराबर साबित होता है. प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान चलाकर अतिक्रमणकारियों को सड़कों से हटाया जाता है, लेकिन इसका कोई दूरगामी असर होता नहीं दिख रहा है. तू डाल-डाल-मैं पात-पात के तर्ज पर अतिक्रमणकारी फिर से सड़कों पर कब्जा जमाने से बाज नहीं आ रहे हैं. प्रशासन द्वारा अतिकमण हटाने के बाद एक-दो दिनों तक तो सड़कें खाली दिखती हैं लेकिन फिर से अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो जाता है. प्रशासनिक कार्रवाई का भी उन पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. प्रशासन द्वारा बार-बार कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है लेकिन अतिक्रमणकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है और वे अतिक्रमण कर अपना व्यवसायी चलाने में मस्त देखे जा रहे हैं.

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