बीओक्यू खरीदने गये संवेदकों को बैठा कर रखा, समय खत्म होने के बाद लौटाया
- जामताड़ा में टेंडर का खेल - - विवादों के घेरे में एनआरईपी की टेंडर, संवेदकों ने टेंडर मैनेज करने का लगाया आरोप - संवेदकों ने डीसी को
– जामताड़ा में टेंडर का खेल – – विवादों के घेरे में एनआरईपी की टेंडर, संवेदकों ने टेंडर मैनेज करने का लगाया आरोप – संवेदकों ने डीसी को दिया आवेदन, कहा चुनिंदा संवेदक से विभाग मिलकर टेंडर हो रहा मैनेज संवाददाता, जामताड़ा. अनावद्ध निधि से 8 करोड़ से निकली 52 ग्रुप टेंडर एक बार फिर विवादों के घेरे में है. इस बार तीन संवेदकों ने डीसी रवि आनंद को शिकायत कर आरोप लगाया है कि इन्होंने एनआरइपी के कार्यपालक अभियंता के पद से बने ड्राप्ट एवं बीओक्यू के लिए मांगें गये. कागजातों के साथ बीओक्यू खरीदारी के लिए पहुंचे थे. बीओक्यू के खरीद के अंतिम समय सीमा तक ड्राप्ट एवं आवेदन जमा कर रखा गया, लेकिन समय बीत जाने के बाद इन तीनों संवेदकों के नाम बीओक्यू निर्गत नहीं किया गया. आरोप है कि विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं कुछेक चुनिंदों संवेदकों की मिली भगत से पूरे टेंडर प्रक्रिया को हाइजैक रखा है, जिस कारण अन्य संवेदकों को टेंडर डालने से वंचित रखा गया. बताया कि शुक्रवार को जामताड़ा के तीन संवेदक ने टेंडर डालने के लिए एनआरपी कार्यालय में बीओक्यू खरीदने पहुंचे. टेंडर में भाग लेने के लिए ड्राप्ट सहित आवेदन दिया. इस संबंध में संवेदक शहनवाज हुसैन, उत्पल कुमार सिंह व श्रीनाथ सिंह ने शनिवार को डीसी को आवेदन दिया है. बताया कि एनआरईपी कार्यालय के निविदा आमंत्रण पर 5 दिसंबर को बीओक्यू लेने पहुंचे, लेकिन शाम तक बीओक्यू को बिक्री किया गया, बावजूद इन तीनों संवेदक को बीओक्यू नहीं दिया गया. शाम में ये तीनों का आवेदन भी वापस कर दिया गया. संवेदक शहनवाज हुसैन, उत्पल कुमार सिंह व श्रीनाथ सिंह का आरोप है कि एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता द्वारा टेंडर मैनेज करने के फिराक में है. जिस कारण मात्र कुल 52 ग्रुप में अधिकतम दो- दो संवेदकाें को ही बीओक्यू दिया गया है. संवेदकों ने उक्त टेंडर की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है. बताया कि एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता का साफ इरादा है कि अन्य संवेदकों से मिली भगत कर टेंडर मैनेज किया जा रहा है. संवेदक शहनबाज हुसैन का आरोप है कि कुछ गिने चुने संवेदक ही एनआरईपी कार्यालय को हाईजैक कर रखा है. जिस कारण अन्य संवदकों को टेंडर डालने से वंचित रखा जा रहा है. गौरतलब है कि अनाबद्ध निधि से 8 करोड़ की राशि से जिले में विकास कार्य के लिए विभिन्न योजना नाली, पीसीसी सहित अन्य योजना का टेंडर किया जाना है. लेकिन यह राशि सितंबर से ही अलग-अलग विभागों में चक्कर लगा रही है. निविदा सबसे पहले जिला परिषद कार्यालय से निकाली गई. इसमें शिकायत मिलने पर निविदा को रद्द कर दिया गया. इसके बाद ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से निविदा निकाली गई. यहां भी टेंडर मैनेज की शिकायत पर निविदा को रद्द किया गया. तीसरी बार लघु सिंचाई प्रमंडल कार्यालय से निविदा निकाली गई. यहां भी कदाचार के आरोप में निविदा को रद्द कर दिया गया. चौथी बार एनआरइपी से निविदा का प्रकाशन किया गया है, जहां आठ दिसंबर को निविदा खोली जाएगी. क्या कहते हैं एनआरईपी के ईई – पेपर का कुछ इश्यू था. जिस कारण बीओक्यू नहीं दिया गया. हांलाकि इस संबंध में फाइल देख कर बताया जाएगा. – दिनेश मुर्मू, कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी, जामताड़ा
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
