बच्चों में पहचाने दिल की बीमारियां

कुछ बच्चों को उनके जन्‍म के समय से ही बीमारियां घेर लेती हैं. ज्यादातर बच्चों में ह्रदय संबंधी रोग देखने को मिलते हैं. गर्भ के दौरान हृदय और बड़ी रक्त वाहिनियों के पूर्ण विकसित न होने अथवा इन वाहिकाओं के विकास के दौरान हुए दोषों से इन रोगों का जन्म होता है. यह हृदय रोग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 4, 2015 12:55 AM

कुछ बच्चों को उनके जन्‍म के समय से ही बीमारियां घेर लेती हैं. ज्यादातर बच्चों में ह्रदय संबंधी रोग देखने को मिलते हैं. गर्भ के दौरान हृदय और बड़ी रक्त वाहिनियों के पूर्ण विकसित न होने अथवा इन वाहिकाओं के विकास के दौरान हुए दोषों से इन रोगों का जन्म होता है.

यह हृदय रोग भ्रूण अवस्था में अपने गठन के दौरान दिल की संरचनात्‍मक या कार्यात्‍मकता खराब होने के कारण होता है. बच्चे के गर्भाशय में रहते हुए और उनके जन्म के तुरंत बाद भी इस रोग के लक्षण नजर नही आते. लेकिन कुछ मामलों में यह तब ही पहचान में आते है जब बच्चा बड़ा हो जाता है. कुछ मामलों में यह रोग बच्चे के वयस्क होने पर भी नजर नहीं आते. इसके लिए जरुरी है इस रोग के लक्षणों को पहचानना.

पहचाने लक्षण…

-नीलापन

हृदय संबंधी रोग में अस्वच्छ नीला रक्त, स्वच्छ रक्त में मिलकर पूरे शरीर में प्रवाहित होने लगता है. ऐसी स्थिति में शरीर के अंगों जैसे मुंह, कान, नाखूनों और होठों में नीलपन दिखाई देने लगता है.

-फेफड़ों में संक्रमण अधिक होना

दिल के सही तरीके से काम न करने के कारण, जन्‍म से ही हृदय रोगों से पीड़ित बच्‍चों में फेफड़ों के संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है. ऐसे बच्‍चों को अक्सर फेफड़ों में संक्रमण होता रहता है.

-साँस संबंधी बीमारियां

ऐसे बच्‍चों में साँस संबंधी समस्‍याएं बढ़ जाती है. इसमें आमतौर पर सांस लेने में कठिनाई और साँस लेने की दर में वृद्धि, तेजी से सांस लेना और सांस लेने के दौरान आवाज शामिल होती हैं.

अस्थमा की शिकायत जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं.

-अत्यधिक थकान

बच्‍चे एक्‍सरसाइज या किसी भी शारीरिक गतिविधियों के दौरान जल्दी से थक जाते हैं. उनकी सांस तेज़ी से चलने लगती है. और कुछ मामलों में तो बच्चे बेहोश भी हो जाते हैं.

-दूध पीने में परेशानी

जन्‍म से हृदय रोगी बच्चों का वजन तेज़ी से घटता है जिसका मुख्य कारण उनका दूध न पीना होता है. ऐसे बच्चे स्‍तनपान या दूध पीने में सक्षम नहीं होते है. ऐसे बच्चों का स्वस्थ होना मुश्किल होता है ज्यादातर समय यह बीमार ही रहते हैं.

-अत्यधिक पसीना

हृदय रोग से पीड़ित बच्‍चों को कोई भी काम करते हुए पसीना बहुत आता है. जल्दी हांफ जाते हैं और पसीने-पसीने हो कर बैठ जाते हैं.

-पैर, पेट या आंखों में सूजन

हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को सूजन आना सामान्य बात हो जाती है. ये सूजन बचपन या जीवन के कुछ महीनों के दौरान बच्‍चों में देखी जाती है. आमतौर पर सूजन में किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता है.

Next Article

Exit mobile version