World Radio Day 2020: रांची में कर्फ्यू के दौरान रेडियो की ताकत का अंदाजा लगा

World Radio Day 2020: रेडियो से जुड़ाव उस समय हुआ जब घर में सभी बड़े साइज के रेडियो पर विविध भारती का कार्यक्रम सुनते थे. उस समय हवा महल और छाया गीत जैसे कार्यक्रम का प्रसारण होता था. आकाशवाणी रांची का कार्यक्रम रसरंजन भी रोचक होता था. धीरे-धीरे लगा कि रेडियो बहुत अच्छा दोस्त है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2020 9:13 AM

World Radio Day 2020: रेडियो से जुड़ाव उस समय हुआ जब घर में सभी बड़े साइज के रेडियो पर विविध भारती का कार्यक्रम सुनते थे. उस समय हवा महल और छाया गीत जैसे कार्यक्रम का प्रसारण होता था. आकाशवाणी रांची का कार्यक्रम रसरंजन भी रोचक होता था. धीरे-धीरे लगा कि रेडियो बहुत अच्छा दोस्त है. इसके बाद समाचारों के माध्यम से रेडियो से लगाव बन गया. यह क्रम पढ़ाई के दौरान भी चला रहा.

बीबीसी लंदन और वॉयस ऑफ अमेरिका कार्यक्रम को लिखे पत्रों के आधार पर लंदन कॉलिंग और वॉयस ऑफ अमेरिका की मैगजीन आने लगी. मेरा इंटरव्यू भी लिया गया. रांची केंद्र से दो लोग मेरे घर आये. प्रोत्साहित किया कि आप अच्छा बोलते हैं आकाशवाणी के लिए प्रयास कीजिए. फिर विविध भारती के अलावा रांची में उद्घोषणा करने लगा.
मैंने दैनिक युववाणी कार्यक्रम की शुरुआत की. फिर मेरी नौकरी ही 1989 में आकाशवाणी रांची में हो गयी. रांची में जब कर्फ्यू लगा, तो उस समय लोगों की बेचैनी रिकॉर्ड किया था. तब रेडियो की ताकत का अंदाजा हुआ. मेरी रिकॉर्डिंग के आधार पर जब लोगों ने अपनी आवाज में सच्चाई बयां की तो, कई अफवाहें हवा हो गयीं.
सुनील बादल, सेलेक्शन ग्रेड