साइलेंट किलर है ऑस्टियोपोरोसिस, जानें बचाव के उपाय

उम्र बढ़ने के साथ हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. शरीर उस हिसाब से हड्डियों का निर्माण नहीं कर पाता है. इसके लक्षण पता नहीं चलते इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं. समय पर इलाज न होने से व्यक्ति किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है. रिस्क फैक्टर्स महिलाओं में मामले काफी ज्यादा हैं धूम्रपान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2018 6:05 AM
उम्र बढ़ने के साथ हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. शरीर उस हिसाब से हड्डियों का निर्माण नहीं कर पाता है. इसके लक्षण पता नहीं चलते इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं. समय पर इलाज न होने से व्यक्ति किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है.
रिस्क फैक्टर्स
महिलाओं में मामले काफी ज्यादा हैं
धूम्रपान करनेवाले पुरुषों को खतरा
आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है रोग
सुस्त लाइफस्टाइल भी है प्रमुख कारण
उम्र बढ़ने से होती है समस्या
पुरुषों में लो टेस्टोस्टेरॉन की कमी
अत्यधिक शराब का सेवन
धूम्रपान करनेवाले पुरुष व महिलाएं
पतली दुबली महिलाएं
कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी
एंटी-सिजर मेडिकेशन व कोर्टिकोस्टेरॉइड
बीमारी जिसमें कैल्शियम की कमी
प्रमुख जांच
बोनडेंसिटोमेट्री (DEXA) एक्स-रे
– हड्डियों के टूटने से पहले यदि कमर, हड्डी या जोड़ों में दर्द हो, तो बोनडेंसिटोमेट्री (DEXA) एक्स-रे करा लें.
– 45 के बाद बोन मिनरल्स डेंसिटी चेक कराते रहें.
– जांच व ट्रीटमेंट पर नजर रखें.
ट्रीटमेंट
खुद से दवा न लें, डॉक्टर की सलाह से ही इलाज कराएं.
कैल्शियम व विटामिन डी सप्लीमेंट लें
दुग्ध उत्पाद व हरी सब्जियों का सेवन करें
डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह से दवा लें
बचाव के उपाय
प्रतिदिन व्यायाम करें और टहलें
दुग्ध उत्पाद व हरी सब्जियों का सेवन करें
शराब का सेवन न करें
धूम्रपान न करें, यह हड्डियां कमजोर करती हैं
विटामिन-डी व कैल्शियम सप्लीमेंट लें

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