फाइबर की मात्रा ले भरपूर, पाचन को बनाएं मजबूत

श्वेता जायसवाल कंसल्टेंट डाइटीशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांची फाइबर का सेवन बालों को मजबूत करने के साथ-साथ इसे झड़ने से भी रोकता है. आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने से पाचन क्रिया एवं प्रोटीन अवशोषण की क्रिया सही होती है. प्रोटीन का अवशोषण सही होने से बालों में मजबूती आती है और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2018 5:58 AM
श्वेता जायसवाल
कंसल्टेंट डाइटीशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांची
फाइबर का सेवन बालों को मजबूत करने के साथ-साथ इसे झड़ने से भी रोकता है. आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने से पाचन क्रिया एवं प्रोटीन अवशोषण की क्रिया सही होती है. प्रोटीन का अवशोषण सही होने से बालों में मजबूती आती है और बालों का झड़ना बंद हो जाता है.
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार रेशेदार भोजन के सेवन से कोलोन कैंसर (आंत का कैंसर), ब्रेस्ट कैंसर सहित अन्य कैंसर के होने की आशंका कम हो जाती है. फाइबर वजन कम करने में भी सहायक होता है. अधिकतर खाद्य पदार्थ, जिनमें फाइबर ज्यादा होता है और कैलोरी कम होती है, वसा और बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है.
हमारे शरीर को एक संतुलित मात्रा में सभी प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इन पोषक तत्वों के सेवन के साथ ही इनका पाचन भी बहुत जरूरी होता है. हालांकि, फाइबर हमारे शरीर को किसी प्रकार का पोषण नहीं देता है, लेकिन यह पाचन क्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फाइबर ऐसा कार्बोहाइड्रेट है, जिसके सेवन से हमे अधिक समय तक भूख नहीं लगती. फाइबर दो तरह का होता है घुलनशील और अघुलनशील फाइबर.
– घुलनशील फाइबर : यह फल, ओट्स, राजमा, लोबिया, जौ आदि में पाया जाता है. इससे शरीर में लाभकारी बैक्टीरिया का निर्माण होता है, जो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इस तरह का फाइबर आंतों में इकट्ठा होनेवाले कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. जो हमारे हृदय सहित अन्य अंगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है.
फाइबर के सेवन से पेट से छोटी आंत तक भोजन पहुंचने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. ग्लूकोज रक्त में धीमी गति से अवशोषित होता है और पेट भरा-भरा लगता है, इससे हमें भूख काफी देर तक नहीं लगती है. घुलनशील फाइबर से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है और मधुमेह का खतरा कम होता है.
अघुलनशील फाइबर : यह पानी में नहीं घुल पाता है, इसलिए यह पाचन तंत्र से चिपके रहते हैं. यह गेहूं के चोकर, नट्स, और बहुत सारी सब्जियों में पाया जाता है. एक आम आदमी को प्रतिदिन में 35-40 ग्राम फाइबर लेना चाहिए.
लेकिन हम 15 ग्राम से ज्यादा फाइबर नहीं लेते हैं. फाइबर अधिक मात्रा में सेवन करने से हृदय संबंधित बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है.
फाइबर दो तरह कैलोरी कम करने में सहायक होता है. फाइबर को अधिक चबाना पड़ता है और यह पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्रिया को कम करता है और पेट भरा भरा लगता है.
कुछ फाइबर आंत में कोलेसाइटोकाइनिन नामक भूख बढ़ानेवाला हाॅर्मोन भी बनाता है. फाइबर की उचित मात्रा न मिल पाने से शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है. मुंह में छाले हो जाते हैं. कब्ज, गैस, अल्सर, आंतो के कैंसर, बवासीर और दिल की बीमारियां भी होने का खतरा होता है.

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