Shubh-labh on house entrance: घर के बाहर हल्दी कुमकुम सिन्दूर से शुभ लाभ लिखने से क्या होता है

Shubh-labh on house entrance: हल्दी, कुमकुम या सिंदूर से 'शुभ लाभ' लिखने से देवी लक्ष्मी और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

By Pratishtha Pawar | March 9, 2025 2:08 PM

Shubh-labh on house entrance significance and benefits: भारत में घर के मुख्य द्वार पर ‘शुभ लाभ’ लिखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है. ‘शुभ’ का अर्थ है मंगलमय, जबकि ‘लाभ’ का मतलब है लाभकारी. इन दोनों शब्दों का संयुक्त रूप से प्रयोग घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के लिए किया जाता है.

Haldi Kumkum & Sindoor Shubh-labh : हल्दी, कुमकुम और सिंदूर से बने शुभ-लाभ का महत्व

Shubh-labh on house entrance: घर के बाहर हल्दी कुमकुम सिन्दूर से शुभ लाभ लिखने से क्या होता है

‘शुभ लाभ’ लिखने के लिए प्रायः हल्दी, कुमकुम या सिंदूर का उपयोग किया जाता है, जो अपने-अपने धार्मिक महत्व रखते हैं:

  • हल्दी: इसे पवित्रता और शुभता का प्रतीक माना जाता है. घर के बाहर हल्दी से ‘शुभ लाभ’ लिखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
  • कुमकुम: यह माँ लक्ष्मी का प्रतीक है. कुमकुम से ‘शुभ लाभ’ लिखने से माना जाता है कि मां लक्ष्मी का आगमन होता है, जिससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
  • सिंदूर: यह माँ दुर्गा की कृपा का प्रतीक है. सिंदूर से ‘शुभ लाभ’ लिखने से मां दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है, जिससे घर में नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.

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Do not use Plastic Sticker Shubh-labh: स्टिकर का उपयोग और चित्रपट दोष

Shubh-labh on house entrance: घर के बाहर हल्दी कुमकुम सिन्दूर से शुभ लाभ लिखने से क्या होता है

आजकल बाजार में ‘शुभ लाभ’ के स्टिकर आसानी से उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग सुविधा के लिए अपने घर के बाहर चिपका देते हैं. हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्टिकर का उपयोग मान्य नहीं होता और इसे चित्रपट दोष का कारण माना जाता है. चित्रपट दोष से घर में वास्तु संबंधित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए पारंपरिक तरीकों से ही ‘शुभ लाभ’ लिखना उचित माना गया है.

कहां लिखें ‘शुभ लाभ’

‘शुभ लाभ’ लिखते समय स्थान का चयन विशेष महत्व रखता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उस स्थान पर ‘शुभ लाभ’ या स्वस्तिक आदि नहीं लगाना चाहिए जहाँ लोग कदम रखते हैं या आते-जाते हैं. इसे अशुभ माना जाता है. अतः ‘शुभ लाभ’ मुख्य द्वार के बगल में, ऐसे स्थान पर लिखना चाहिए जहां लोग कदम नहीं रखते. यह सुनिश्चित करता है कि पवित्र चिह्नों का सम्मान बना रहे और उनकी ऊर्जा प्रभावित न हो.

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