Surya Grahan 2023: इस दिन लगेगा साल का पहला सूर्यग्रहण, जानिए दुनिया के अलग-अलग देशों में कैसी है मान्यता…

Surya Grahan 2023: दुनिया में साल 2023 के पहला ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया,ऑस्ट्रेलिया, हिन्द महासागर और अंटार्कटिका समेत कई देशों में देखा जा सकेगा.सूर्य ग्रहण को लेकर अलग-अलग प्रकार की भ्रांतियां भी हमारे देश में ही प्रचलित नहीं हैं बल्कि विदेशों में भी सूर्यग्रहण को लेकर कई प्रकार की मान्‍यताएं हैं.

By Shaurya Punj | April 17, 2023 10:59 AM

Surya Grahan, Solar Eclipse 2023: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा. यह आशंकि सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा. दुनिया में साल 2023 के पहला ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया,ऑस्ट्रेलिया, हिन्द महासागर और अंटार्कटिका समेत कई देशों में देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण को लेकर अलग-अलग प्रकार की भ्रांतियां भी हमारे देश में ही प्रचलित नहीं हैं बल्कि विदेशों में भी सूर्यग्रहण को लेकर कई प्रकार की मान्‍यताएं हैं. आज हम आपको इस बारे में बताएंगे कि सूर्य ग्रहण को लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों में कैसी है मान्‍यताएं…

वियतनाम की मान्यता

वियतनाम में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण को लेकर ऐसा माना जाता है कि जब एक विशाल आकार का मेंढक सूर्य को निगल लेता है तो सूर्य ग्रहण लग जाता है. यहां के भगवान हान इस मेंढक के स्‍वामी माने जाते हैं और जब यह मेंढक को थूकने को बोलते हैं तो वह सूर्य को अपने मुंह से बाहर निकालता है. इसी प्रकार से चंद्रग्रहण भी लगता है.

चीन की मान्यता

चीन में सूर्य ग्रहण को लेकर ऐसा माना जाता है कि ए‍क विशाल ड्रेगन जब सूर्य को निगल लेता है. तब ग्रहण लग जाता है. ग्रहण खत्‍म कैसे होता है, इसको लेकर यहां माना जाता है कि जब चाइनीज देवता झांग जियान जो कि जन्‍म देने वाले देवता के रूप में यहां विख्‍यात हैं, जब वह ड्रेगन के ऊपर तीर चलाते हैं तो वह सूर्य को छोड़ता है. इस प्रकार से ग्रहण का समापन हो जाता है.

उत्‍तरी अमेरिका की मान्यता

उत्‍तरी अमेरिका की चिपेवा जनजाति के लोग यह मानते हैं कि आकाश की तरफ तीर छोड़ने से सूर्य ग्रहण से वापस अपने असली रूप में आ जाता है. इस प्रकार से यहां पर सूर्य ग्रहण का समापन होता है.

यूनानी सभ्‍यता की मान्यता

प्राचीन काल में यूनानी सभ्‍यता के लोगों का मानना है कि ग्रहण इस बात का संकेत है कि भगवान मनुष्यों से किसी बात को लेकर नाराज हैं और इसी वजह से सूर्य ग्रहण जैसी यह प्रलय आती है. उसके बाद जब भगवान की नाराजगी दूर हो जाती है तो सूर्य वापस अपनी स्थिति में आ जाता है.

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