कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
दरअसल, वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा ग्रीनलैंड, कनाडा, व रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. इसके अलावा, यूरोप, उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्से व उत्तर एशिया में यह आंशिक रूप से दिखने वाला है. आपको बता दें कि ग्रीनलैंड में नूक, वाशिंगटन डी सी, टोरंटो, न्यूयॉर्क और फरो द्वीप समूह में तोर्शावन जैसे शहरों में यह प्रमुख रूप से दिखने वाला है. जबकि, भारत में इसके दिखने की कोई संभावना नहीं है.
10 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण से जुड़ी 10 बातें
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को सूर्य ग्रहण लग रहा है.
यह ग्रहण वृषम राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगने वाला है.
इस दिन वट सावित्री व्रत और शनि जयंती भी पड़ने वाला है.
सूर्य ग्रहण का समय दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा शाम जो 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटा 59 मिनट तक रहेगी.
यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा
ऐसे में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
इसका सूतक काल में मान्य नहीं होगा.
जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाला है वहां इसके चारों ओर रिंग ऑफ फायर की आकृति बनेगी जिसे वलयाकार सूर्यग्रहण कहा जाता है.
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगने वाला है.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें क्या नहीं
किसी भी ग्रहण को देखना अशुभ माना गया है. खासकर सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से हानिकारक किरनें सेहत पर बुरा असर डाल सकती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं के लिए भी ग्रहण हानिकारक हो सकता है. इसके प्रभाव से गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है.
ग्रहण के दौरान भगवान की आराधना या मंत्र जाप करते रहना चाहिए.
इस दौरान ‘ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात’ मंत्र का जाप करना बेहद लाभकारी है.
इस दौरान मंदिर का कपाट खोलने की अनुमति नहीं होती है. साथ-साथ मूर्तियां को छूना भी वर्जित होता है.
सूर्य ग्रहण लगने से पहले पके भोजन पहले ही समाप्त कर लें. बचे हुए भोजन में तुलसी पत्ता डाल दें.
सूर्यग्रहण के पश्चात नहा गंगाजल से नहा धोकर घर को भी शुद्ध करें.
इसके बाद दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना गया है.
Posted By: Sumit Kumar Verma