अपने रिश्तों में पूरी ईमानदारी बरते. जो बात आपके दिल में है उसे ही अपनी जुबान पर लाएं. ऐसा ना करें कि आपका दिल कुछ और बोल रहा है और आप परिस्थितिवश कुछ और बोल रहे हैं. ऐसा करने से आप थोड़ी देर के लिए तो माहौल को संभाल लेंगे या पति का दिल रख लेंगे लेकिन बाद में वहीं बात आपको परेशान करेगी. जिसका असर रिश्तों में कड़वाहट घोल देगा. .
किसी भी लड़की के लिए ससुराल की प्रतिष्ठा उसकी प्रतिष्ठा के साथ जुड़ी होती है कभी भी ऐसा कोई कार्य ना करें जिससे इसपर आंच आएं. कितना भी करीबी रिश्ता क्यों ना हो हर छोटी बड़ी बातों को बताने से बचें. ऐसा इसलिए क्योंकि हो सकता है कि कोई शत्रुता निकालने के लिए आपकी कमजोरियों का फायदा उठाने की कोशिश करें.
अपने मायके जाने की इच्छा हर नवविवाहिता को होती है. जब भी जाने का मन करे तो ससुराल में बुजुर्गों की अनुमति जरूर लें. इससे उन्हें सम्मान मिलेगा. उनकी अनुमति लेने से आपकी आजादी प्रभावित नहीं होगी बल्कि एक जिम्मेदारी का एहसास होगा.
जिस तरह आप अपने मायके में अपने पैरेंट्स और भाई बहन की पसंद को समझती थी. उनकी बातों को, उनकी पसंद को प्राथमिकता देती थीं. वैसे ही ससुराल के सदस्यों की भावनाओं को समझने की कोशिश करें. इससे उन्हें सम्मान और केयर की फीलिंग आएगी. जिसके रिटर्न में आपको भी उतना ही प्यार मिलेगा.
रिश्तों की गर्माहट बढ़ाने के लिए काफी है एक दूसरे की सराहना, जी हां अगर आपकी सास कुछ बढ़िया डिश बनायी है तो जरूर उनकी मेहनत की तारीफ करें. अगर आपका देवर, आपकी ननद काफी मजाकिया हैं तो उनके हास्यबोध की तारीफ करें. ससुर की कोई बात अच्छी लगे तो उन्हें भी जताएं. छोटी – छोटी बातों और घटनाओं में खुशियां तलाशने का प्रयास करें
जीवनसाथी के माता-पिता को अपने माता पिता के जैसा सम्मान देना बहुत जरूरी है. नई जगह पर नए लोगों के साथ मिलने घुलने में वक्त लगता है लेकिन अपने अच्छे व्यवहार और बड़ों को आदर सम्मान देने से घर में सकारात्मक माहौल का संचार होता है. सबसे बड़ी बात है कि यह आचरण पति-पत्नी दोनों को अपनाना चाहिए
कभी – कभी ऐसा होता है कि किसी बात पर दृष्टिकोण में अंतर आता है. ऐसे में तर्क करने से बेहतर है कि कोई एक आदमी अपने कदम को पीछे खींच लें. और बाद में आपस में बैठ कर सामान्य निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश कर सकता है. एक दूसरे को कभी उलाहना ना दें. कोई कभी परफेक्ट नहीं हो सकता इसलिए जो जैसा है अपना है और उसकी केयर का दायित्व भी अपना है. इस भाव को विकसित करें.
विवाह दो लोगों के बंधन के साथ दो परिवारों का बंधन है. रिश्तों की गांठ जितनी मजबूत रहेगी ये रिश्ते भी उतने ही मजबूत रहेंगे.ससुराल में रिश्तों में मजबूती की बड़ी कुंजी है, आपकी भरोसा या विश्वास. अपने बच्चे को दादा- दादी का सम्मान करना सिखाएं. बच्चों पर एकल अधिकार ना जमाएं बल्कि गैंडपैरेंट्स के करीब ले जाएं. अगर आप वर्किंग महिला हैं तो कभी भी अपने रूतबे और कमाई का घमंड घर में ना दिखाएं. बल्कि एक होम कैसे स्वीट होम बन सकता है उसका प्रयास करें.