बच्चों का फ्यूचर बेहतर चाहिए? घर पर बनाएं ये 8 नियम, बच्चे रहेंगे अनुशासन में, कामयाबी खुद कदमों में गिरेगी

Parenting tips: बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना है तो घर पर बनाएं ये 8 जरूरी नियम. ये नियम बच्चों में अनुशासन, अच्छे संस्कार और जिम्मेदारी की भावना विकसित करते हैं, जिससे वे जीवन में सफलता की ओर बढ़ते हैं.

By Sameer Oraon | December 26, 2025 4:59 PM

Parenting tips: आज के समय में माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि बच्चे को अनुशासन में कैसे बनाएं. क्योंकि ज्यादातर मां बाप यही शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा केवल पढ़ाई में अच्छे मार्क्स तो लाता है लेकिन उनमें व्यवहारिक ज्ञान और संस्कार का घोर अभाव है. इसके लिए वे थोड़ी सख्ती दिखाते हैं जो उनके बर्ताव को और खराब कर देता है. जरूरत है घर में हर किसी के लिए ऐसे नियम बनाने की जिसे देखकर बच्चा आगे चलकर जिम्मेदार, आत्मनिर्भर और सफल इंसान बने.

समय पर उठना और सोना

बच्चों के लिए एक तय दिनचर्या बेहद जरूरी है. समय पर उठने और सोने की आदत से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है, बल्कि उनमें समय की कीमत भी समझ आती है. लेकिन यह नियम माता पिता को भी खुद भी फॉलो करके उन्हें इसका फायदा समझाना होगा.

मोबाइल और टीवी का सीमित इस्तेमाल

आज की पीढ़ी स्क्रीन की लत का शिकार हो रही है. घर में यह नियम तय करें कि पढ़ाई, खेल और परिवार के समय के अलावा मोबाइल-टीवी का उपयोग सीमित रहेगा.

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बड़ों का सम्मान और सही भाषा का प्रयोग

बच्चों को सिखाएं कि वे बड़ों से सम्मानपूर्वक बात करें और गलत या अपशब्दों का इस्तेमाल न करें. किसी की मदद मिलने के बाद उन्हें धन्यवाद और कोई चीज मांगने से पहले कृपया लगाने को कहें. कोशिश करें यह चीजें खुद आप भी फॉलो करें. यही संस्कार आगे चलकर उनके व्यक्तित्व को मजबूत बनाते हैं.

पढ़ाई का निश्चित समय

हर दिन पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय तय होना चाहिए. कोशिश करें उस समय पर आप भी कुछ न कुछ पढ़ने की आदत डालें. इससे बच्चों में अनुशासन आता है और पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि जिम्मेदारी के रूप में समझते हैं.

घर के छोटे कामों में भागीदारी

बच्चों को उम्र के अनुसार छोटे-छोटे घरेलू काम सौंपें. इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है और आत्मनिर्भर बनने की शुरुआत होती है.

गलती मानने और माफी मांगने की आदत

गलती करना स्वाभाविक है, लेकिन उसे स्वीकार करना और माफी मांगना एक बड़ा गुण है. माता-पिता खुद उदाहरण बनें, ताकि बच्चे भी यह सीख सकें.

सच बोलने की आदत

बच्चों को शुरू से ही सिखाएं कि सच बोलना सबसे बड़ी ताकत है. डर या सजा के नाम पर झूठ बोलने की आदत उनके व्यक्तित्व को कमजोर बनाती है.

परिवार के साथ समय बिताना

रोजाना कुछ समय परिवार के साथ बातचीत, खाना या खेल के लिए जरूर निकालें. इससे बच्चों में भावनात्मक मजबूती आती है और वे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं.

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