Vastu Tips: घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदते समय न करें ये गलतियां, रखें वास्तु का ध्यान

Vastu Tips: घर या प्लॉट खरीदने से पहले सभी दिशाओं का ध्यान रखना जरूरी है. इसलिए भूखंड का आकार बिना किसी कमी या विस्तार के एक आयत या वर्गाकार होना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि प्लॉट का अनुपात 1:3 से अधिक न हो.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2023 4:41 PM

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र सर्वश्रेष्ठ रहने की जगहों की पहचान करने और डेवलप करने का आधार रहा है. वास्तु के अनुरूप भूखंड परिवार के सदस्यों को अधिक सुखी, धनी, स्वस्थ और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं. स्रोत दिशाओं (उत्तर, पूर्व, उत्तर-पूर्व) जैसी कुछ दिशाएं स्वाभाविक रूप से वास्तु में अच्छी पाई जाती हैं. यदि इन दिशाओं (दक्षिण, पश्चिम, नैऋत्य, वायव्य) के भूखण्ड वास्तु नियमों के अनुसार बने हों तो शुभ फल प्रदान करते हैं. इसलिए अपने घर के लिए जमीन लेते समय सही दिशा का चुनाव सावधानी से करें. उत्तर-पूर्व या पूर्वमुखी घर लें क्योंकि यह लगभग सभी को सूट करता है. साथ ही वास्तु के अनुसार ऐसे प्लॉट का चयन वहां के निवासियों के पेशे के संबंध में अच्छा माना जाता है. अपने घर को पूरी तरह से वास्तु अनुरूप बनाने के लिए, यहां कुछ मानदंड दिए गए हैं जिन्हें आप चेक कर सकते हैं.

प्लाॅट की दिशा

यदि आप एक स्कूल शिक्षक हैं तो आप पूर्व मुखी घर को प्राथमिकता दे सकते हैं. बैंकिंग क्षेत्र या वित्त में काम करने वाले लोग आप उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा के प्लाट का चयन सकते हैं क्योंकि यह बुध और कुबेरस्थान को दर्शाता है. अगर आप ग्लैमर इंडस्ट्री जैसे पार्लर या सैलून या रेस्टोरेंट के मालिक हैं तो दक्षिण-पूर्व दिशा को प्राथमिकता दें.

प्लॉट का आकार

भूखंड के आकार का भी विशेष महत्व होता है. हम जानते हैं कि वास्तु देवता का शरीर भूखंड पर उल्टे रूप में पड़ा हुआ है और शरीर का प्रत्येक भाग अलग-अलग आता है, अर्थात उनका सिर उत्तर पूर्व में है, उनके पैर दक्षिण-पश्चिम की ओर हैं और इसलिए घर खरीदने से पहले सभी दिशाओं का ध्यान रखना जरूरी है. इसलिए भूखंड का आकार बिना किसी कमी या विस्तार के एक आयत या वर्गाकार होना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि प्लॉट का अनुपात 1:3 से अधिक न हो.

ऐसा हो प्लॉट के आसपास का परिवेश

अब अपने प्लाट के परिवेश को समझें. आपके प्लॉट से 100 फीट की दूरी पर कोई मंदिर नहीं होना चाहिए. उत्तर या पूर्व की ओर यदि आपके पास एक खुला क्षेत्र है, तो कुछ नदी, तालाब या भूमिगत टैंक वास्तु में उपयुक्त हैं. यदि आपके पास दक्षिण या पश्चिम या पर्वत में कोई भारी भवन है तो वह भी वास्तु के अनुसार बहुत अच्छा माना जाता है.

श्मशान या कब्रिस्तान न हो

सुनिश्चित करें कि कोई श्मशान या कब्रिस्तान नहीं है क्योंकि यह आपके प्लॉट की ऊर्जा को परेशान करता है. साथ ही अपने घर के सामने बिजली के खंभे की जांच करें.

वास्तु के अनुसार मिट्टी के रंग और गंध की जांच करें

वास्तु में मिट्टी की अहम भूमिका होती है. मिट्टी के रंग और गंध की जांच करें. कोई भी अच्छा वास्तुविद् मिट्टी की जांच करके आपको बता सकता है कि प्लॉट धन या व्यवसाय के लिए अच्छा है या नहीं. यदि खुदाई करते समय आपको हड्डियां या कील के टुकड़े मिलते हैं तो ऊपरी परत को अच्छी तरह से साफ कर लें और इसे फिर से साफ मिट्टी से भर दें. ईशान कोण में भूमिपूजन कर कलश और नाग नागिन लगाना अनिवार्य है. वास्तु पूजा भी ऊर्जा और परिवेश को सकारात्मक बनाती है.

ऐसे प्लॉट शुभ नहीं होते

उत्तर या पूर्व में ढलान वाले भूखंड शुभ होते हैं. यदि प्राकृतिक ढलान इस दिशा की ओर नहीं है तो आपको मिट्टी द्वारा लैंडफिल करना चाहिए और इन दिशाओं की ओर ढलान बनाना चाहिए.

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