Nirbhaya Case: प्रीति जिंटा का फूटा गुस्‍सा, बोलीं- 8 साल पहले ही गोली मार देनी चाहिए थी…

Preity Zinta angry reaction : दिल्‍ली एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप और हत्‍या के चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने का फैसला सुनाया है. लेकिन फांसी से बचने के लिए चारों दोषी मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) लगातार चाल चल रहे हैं.

By Budhmani Minj | March 19, 2020 3:26 PM

दिल्‍ली एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप और हत्‍या के चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने का फैसला सुनाया है. लेकिन फांसी से बचने के लिए चारों दोषी मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) लगातार चाल चल रहे हैं. इस मामले को लेकर हो रही लगातार देरी को लेकर अब अभिनेत्री रवीना टंडन और प्रीति जिंटा का गुस्‍सा फूट पड़ा है. रवीना इससे पहले भी कई ट्वीट्स कर चुकी हैं.

प्रीति जिंटा ने ट्वीट किया,’ धन्‍यवाद हमारी कानूनी प्रणाली और मानवाधिकार के नाम पर इन अमानवीय बलात्कारियों को अकल्पनीय अपराध करने के बाद भी अपील और 8 साल मिलते हैं. क्या यह न्याय है? उन्‍हें 8 साल पहले ही गोली मार देनी चाहिए थी. आशा देवी और उनके परिवार के लिए मुझे बहुत दुख हो रहा है. #NirbhayaCase ‘

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रवीना टंडन ने ट्वीट किया,’ वाह ! यह न्‍याय में देरी करने की अच्‍छी रणनीति है. इसे न्यायपालिका के साथ खिलवाड़ करना कहते हैं! #nayadrama जब उसने बलात्कार और नृशंस हत्या की थी तो उसने उसे तलाक क्यों नहीं दिया?’

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बता दें कि तीन दिन पहले अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवा ने औरंगाबाद जिला न्यायालय के प्नधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा के न्यायालय में तलाक की अर्जी दी थी. अक्षय की पत्नी पुनीता ने अपनी अर्जी में कहा था कि उनके पति को रेप मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें फांसी दिया जाना है. हालांकि वह निर्दोष हैं. ऐसे में वह उनकी विधवा बन कर नहीं रहना चाहती. इसलिए उसे अपने पति से तलाक चाहिए.

वहीं, 19 मार्च को अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी द्वारा परिवार न्यायालय में दायर किये गए तलाक की याचिका पर सुनवाई हुई. परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में पत्नी सह अगली तिथि, 24 मार्च को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया.

गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. अदालत को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके हैं.

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