‘31 अक्तूबर” की रिलीज का रास्ता साफ, कोर्ट ने कहा- कुछ भी आपत्तिजनक नहीं…

नयी दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों सहित अन्य घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘31 अक्तूबर’ के प्रदर्शन का रास्ता साफ करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2016 5:58 PM

नयी दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों सहित अन्य घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘31 अक्तूबर’ के प्रदर्शन का रास्ता साफ करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है.

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. यह फिल्म कल 21 अक्तूबर को रिलीज हो रही है. पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है और इसमें लगाए गए आरोप ‘अस्पष्ट और अप्रमाणित’ हैं. इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 की हत्या की गई थी.

पीठ ने कहा कि फिल्म के पोस्टर और वीडियो ट्रेलर ‘इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि फिल्म की सामग्री आपत्तिजनक है, जैसा कि याचिका में कहा गया है.’ अदालत ने कहा कि चूंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणित किया है, ‘किसी हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है.’ इस फिल्म में सोहा अली खान और वीर दास ने मुख्य भूमिका निभाई है.

अजय कटारा ने इस जनहित याचिका में फिल्म के प्रदर्शन का विरोध करते हुए दावा किया गया था कि ‘यह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी’ की विचारधारा के खिलाफ है.

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