B”Day Special : उम्‍दा नृत्‍य की मलिका हेलेन

अपने नृत्‍य से दर्शकों के दिलों में राज करनेवाली अभिनेत्री हेलन (हेलेन रिचर्डसन खान) का आज जन्‍मदिन है. उनका जन्‍म 21 नवंबर 1938 को म्‍यांमार में हुआ था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उनका पूरा परिवार मुबंई आ गया था. उनकी मां एक नर्स थी. घर की आर्थिक स्थिति होने के कारण हेलेन ने स्‍कूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2015 3:30 PM

अपने नृत्‍य से दर्शकों के दिलों में राज करनेवाली अभिनेत्री हेलन (हेलेन रिचर्डसन खान) का आज जन्‍मदिन है. उनका जन्‍म 21 नवंबर 1938 को म्‍यांमार में हुआ था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उनका पूरा परिवार मुबंई आ गया था. उनकी मां एक नर्स थी. घर की आर्थिक स्थिति होने के कारण हेलेन ने स्‍कूल की पढाई छोड दी और घर के कामों में हाथ बंटाने लगी. हेलन को बचपन से ही नृत्‍य का बहुत शौक था.

उन्होंने मणिपुरी नृत्य सीखा और उसके बाद अपने गुरू और उस समय के जानेमाने नृत्य निर्देशक पी.एल. राज से भरतनाटयम और कथक भी सीखा. लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय सिनेमा में कैबरे और बैले का आगाज करने वाली हेलेन ही थीं. हेलेन ने दशकों पहले नृत्य के बल पर सिनेमा में न सिर्फ अपनी जगह बनाई, बल्कि हिंदी सिनेमा की बेहतरीन आइटम गर्ल और अदाकारा के मुकाम को भी हासिल किया.

B''day special : उम्‍दा नृत्‍य की मलिका हेलेन 3

उनके पारिवारिक मित्र और जानेमाने डांसर कुककू ने हेलेन की प्रतिभा को पहचाना और उन्‍हें बतौर डांसर फिल्‍मों में काम करने की सलाह दी. कुककू ने हेलेन की सिफारिश निर्देशक बदरी प्रसाद से की और कहा कि यह लडकी उम्‍दा नाचती है. अगर इसे ट्रेनिंग दी जाये तो यह सफलता की उंचाईयों तक पहुंच सकती है. हेलेन को ‘शबिस्तान’ और ‘आवारा’ (1951) फिल्मों में नर्तकों के समूह में काम करने का मौका मिला.

इस दौरान उन्होंने मणिपुरी, भरतनाट्यम, कथक आदि शास्त्रीय नृत्यों में भी शिक्षा हासिल की. इस बीच फिल्म बारिश में उन पर फिल्माया यह गीत ‘मिस्टर जॉन या बाबा खान या लाला रोशन दान’ श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ. इसके बाद हेलेन को मौका मिला और कई फिल्‍मों में काम करने का जहां उन्‍होंने अपनेआप को साबित किया.

B''day special : उम्‍दा नृत्‍य की मलिका हेलेन 4

वर्ष 1958 की फिल्म ‘हावडा ब्रिज’ हेलेन के करियर की अहम फिल्म साबित हुई. इस फिल्‍म से हेलेन ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली. इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ का उन दिनों दर्शकों के बीच काफी क्रेज बन गया. साठ और सत्तर के दशक में आशा भोंसले हिन्दी फिल्मों की प्रख्यात नर्तक अभिनेत्री हेलन की आवाज समझी जाती थीं.

आशा भोंसले ने हेलेन के लिए फिल्‍म ‘तीसरी मंजिल’ में ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’, फिल्म ‘कारवां’ में ‘पिया तू अब तो आजा’, मेरे जीवन साथी में ‘आओ ना गले लगा लो ना’ और डॉन में ‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाया.

वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘लहू के दो रंग’ हेलेन के करियर की अहम फिल्मों में शुमार की जाती है. महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए उन्‍हें सवश्रेष्ठ सह नायिका के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वहीं उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लिए हेलेन को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया है.