मल्लिका सहरावत ने कहा,महिलाओं के खिलाफ भेदभाव समाप्त किया जाये

संयुक्त राष्ट्र : बॉलीवुड अदाकारा मल्लिका सहरावत ने 65वें संयुक्त राष्ट्र डीपीआई-एनजीओ सम्मेलन में भारत में महिलाओं की दिक्कतों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि कानूनों का कडाई से पालन किए जाने की आवश्यकता है और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव समाप्त करने के काम में पुरुषों की भागीदारी होनी चाहिए. मल्लिका ने 65वें संयुक्त राष्ट्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 29, 2014 3:25 PM
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संयुक्त राष्ट्र : बॉलीवुड अदाकारा मल्लिका सहरावत ने 65वें संयुक्त राष्ट्र डीपीआई-एनजीओ सम्मेलन में भारत में महिलाओं की दिक्कतों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि कानूनों का कडाई से पालन किए जाने की आवश्यकता है और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव समाप्त करने के काम में पुरुषों की भागीदारी होनी चाहिए.

मल्लिका ने 65वें संयुक्त राष्ट्र डीपीआई-एनजीओ सम्मेलन के दौरान ‘विषमताओं से लडाई-आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय’ मुद्दे पर यहां गोलमेज सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘हर मिनट हम कुछ नहीं करते, भारत में एक महिला प्रताडित जरुर होती है.’’

इस 39 वर्षीय अभिनेत्री ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकडों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में हर 20 मिनट में कहीं न कहीं किसी न किसी महिला के साथ बलात्कार होता है और भारत में बाल वधुओं की संख्या काफी अधिक है. उन्होंने कहा, ‘‘जाति व्यवस्था, पुरुष प्रधान समाज और न्याय प्रणाली की गैर संवेदनशीलता’’ का भारत में महिलाओं की दुर्दशा में हाथ है. महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए कडे कानून जरुरी हैं.

मल्लिका ने कहा, ‘‘कानूनी ढांचे के मजबूत कार्यान्वयन, महिलाओं से संबंधित संवेदनशील मामलों से निपटने के लिए मजबूत न्यायिक प्रणाली’’ समय की जरुरत है. उन्होंने कहा कि भारत को अपनी संपूर्ण क्षमता को महसूस करने के लिए जरुरत है कि देश की महिलाओं को सशक्त बनाया जाए और बलात्कार तथा बाल विवाह जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए.

अभिनेत्री ने कहा, ‘‘यदि महिलाएं साथ में आगे नहीं बढतीं तो भारत अपनी पूर्ण क्षमता का दोहन नहीं कर सकता. पुरुषों को समाधान में भागीदार बनना होगा. इसमें महिला और पुरुष दोनों साथ होने चाहिए. जब हर किसी को समान अवसर मिलेगा तो तब इससे वास्तविक सशक्तीकरण पैदा होगा.’’ गोलमेज सम्मेलन में विश्वभर से नागरिक समाज के लोग जुटे जिन्होंने इस बारे में चर्चा की कि विषमताओं को कैसे खत्म किया जा सकता है.

इस साल के सम्मेलन का विषय ‘2015 एंड बियोंड: अवर एक्शन एजेंडा’ है. सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र जनसूचना विभाग :डीपीआई: और इससे जुडे गैर सरकारी संगठनों की कार्यकारी परिषद का संयुक्त प्रयास है. सम्मेलन में गरीबी उन्मूलन, जलवायु न्याय, मानवाधिकार और भागीदारी तथा जवाबदेही ढांचों जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान होगा.

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