‘कांस्टिंग काउच” से संसद भी अछूती नहीं: रेणुका चौधरी

नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि ‘कास्टिंग काउच’ एक ऐसी कड़वी सच्चाई है जो सिर्फ फिल्म उद्योग तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे कोई कार्यस्थल यहां तक कि संसद भी अछूती नहीं है. रेणुका ने कहा, ‘भारत में वह समय आ गया है जब कहा जाए- ‘मी टू’.’ उनका […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 25, 2018 9:26 AM

नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि ‘कास्टिंग काउच’ एक ऐसी कड़वी सच्चाई है जो सिर्फ फिल्म उद्योग तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे कोई कार्यस्थल यहां तक कि संसद भी अछूती नहीं है. रेणुका ने कहा, ‘भारत में वह समय आ गया है जब कहा जाए- ‘मी टू’.’ उनका यह बयान उस वक्त आया जब बॉलीवुड की जानीमानी नृत्य निर्देशक सरोज खान ने कास्टिंग काउच की संस्कृति का बचाव किया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह कड़वी सच्चाई है. यह सिर्फ फिल्म उद्योग में नहीं है. यह हर कार्यस्थल पर होता है. इसकी कल्पना मत करिए कि इससे संसद अछूती है या कुछ अन्य कार्य स्थल इससे अछूते हैं. अगर आप आज पश्चिमी जगत को देखें तो बड़ी अभिनेत्रियां भी सामने आईं और कहा कि ‘मी टू’.’

पिछले साल हॉलीवुड में यौन शोषण के मामले सामने आने के बाद यौन अपराधियों के खिलाफ ‘मी टू’ अभियान शुरू हुआ था. दरअसल, ‘मी टू’ अभियान के मद्देनजर दिए एक बयान में सरोज खान ने इसके लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कास्टिंग काउच कोई नयी बात नहीं है.

सरोज खान (69) ने टेलीविजन नेटवर्क और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही मीडिया के साथ उनकी बातचीत के वीडियो को लेकर आज फोन पर कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा है कि मैं माफी मांगती हूं लेकिन आप वह सवाल नहीं जानते जो मुझसे पूछा गया था और अब इस पर काफी हंगामा हो गया है.’

वहीं दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि बॉलीवुड में कास्टिंग काउच है इससे इनकार नहीं किया जा सकता और एक ऐसा वर्ग है जो सिर्फ महिलाओं को शोषित करने के उद्देश्य से फिल्म बनाता है. उन्होंने हालांकि कहा कि इसे आम बात नहीं कहा जा सकता और ऐसी सोच रखने वालों की संख्या बेहद कम है.

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